सेबाश्रय पर स्पीकर बिमान ने उठाए सवाल, अभिषेक के निजी प्रयासों की सफलता पर जताया संदेह

कोलकाता, 24 जनवरी (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य शिविर ‘सेबाश्रय’ को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता दिख रहा है। पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने अभिषेक की इस पहल पर सवाल खड़े किए हैं।

शुक्रवार को बारुईपुर में अपने विधानसभा क्षेत्र में एक निजी डायलिसिस केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे स्पीकर बिमान से जब ‘सेबाश्रय’ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे अभिषेक का निजी प्रयास बताया और इसकी सफलता पर संदेह जाहिर किया।

बिमान ने कहा कि यह (सेबाश्रय) अभिषेक बनर्जी का निजी प्रयास है, इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि यह एक अच्छी पहल है, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं मानता कि इस तरह के निजी प्रयासों से सरकारी चिकित्सा व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव आएगा। स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है, और इसे व्यक्तिगत स्तर पर संभालना संभव नहीं है।

पश्चिम बंगाल में हाल ही में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में एक प्रसूता की मौत और निम्न गुणवत्ता वाले सलाइन के उपयोग की शिकायतों के बाद राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में ‘सेबाश्रय’ के रूप में अभिषेक बनर्जी का यह कदम राज्य सरकार के समानांतर स्वास्थ्य व्यवस्था चलाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

इस आलोचना पर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है। मैं अपनी ओर से अतिरिक्त प्रयास कर रहा हूं। जहां एक ग्राम पंचायत में एक अस्पताल है, मैं वहां चार शिविर लगाने की कोशिश कर रहा हूं। मेरा प्रयास राज्य सरकार से अलग नहीं है।

नए साल की शुरुआत से डायमंड हार्बर क्षेत्र में ‘सेबाश्रय’ के तहत स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। हालांकि यह पहल कई लोगों के लिए मददगार साबित हो रही है, लेकिन विपक्ष और कुछ सरकारी अधिकारियों का मानना है कि इससे राज्य की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था पर अविश्वास का संकेत मिलता है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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