अजमेर का फॉयसागर अब कहलाएगा वरुण सागर —देवनानी

अजमेर का फॉयसागर अब कहलाएगा वरुण सागर —देवनानी

-सहकारिता विभाग व नगर निगम ने जारी किया नाम बदलने का नोटिफिकेशन

अजमेर, 12 फरवरी(हि.स)। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को गुलामी के एक और प्रतीक नाम से मुक्ति दिलाई है। शहर में 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर अब महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह कर दिया गया है। सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए। इसी तरह अजमेर की फॉयसागर झील अब वरूण सागर कहलाएगा । झील का इतिहास करीब 133 साल पुराना है। अजमेर के पर्यटन व धार्मिक महत्व की झील है। अजमेर के फायसागर को जो ब्रिटेन के इंजीनियर मिस्टर फाय के नाम से बना हुआ था। स्वायत्त शासन सचिव ने इसके नाम बदलने के आदेश दिए है। इस संबंध में नगर निगम अजमेर ने भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि वरुण देवता सिंधी समाज के व अन्य समाजों के आराध्य रहे हैं। अजमेर में सिंधी समुदाय भी है इसलिए इसका नामकरण आज से जाना जाएगा। वरुण देवता की प्रतिमा वहां पर लगाई जाएगी। सिंधी समाज के कार्यक्रम भी यहां होते रहते हैं। यहां चालिहो के बाद सिंधी समाज पूजा के लिए जाता है इस लिए वहां पर एक घाट भी बनाया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती पर अजमेर में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में इसकी घोषणा की गई थी। केईएम व फायसागर झील को अब नये नाम से जाना जाएगा। अजमेर के एलिवेटेड रोड का नाम भी रामसेतू के नाम से जाना जाए इसके प्रयास किए जा रहे हैं व इसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर पिछले दिनों 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए। इस आदेश में कहा गया है कि किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 के तहत 16 सितम्बर 1975 को किया गया था। अब इस संस्थान का नाम परिवर्तित कर महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह संस्थान अजमेर कर दिया गया है। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार राजीव कजोत ने यह आदेश जारी किए है।

गौरतलब है कि किंग एडवर्ड मेमोरियल को अजमेर में दशकों से गुलामी के प्रतीक नाम के रूप में माना जाता रहा है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर को इन गुलामी के नामों के प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में सहकारिता विभाग को निर्देश दिए थे। उन्होंने अजमेर के ऋषि उद्यान में पिछले दिनों आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें जयन्ती समारोह में कईएम का नाम बदलकर राष्ट्रीय संत महर्षि दयानन्द सरस्वती के नाम पर करने की घोषणा की थी। उनके निर्देशों की कडी में सहकारिता विभाग ने आज यह आदेश जारी किया।

अजमेर के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों और सामाजिक संस्थाओं ने देवनानी से मुलाकात कर कईएम का नाम बदले जाने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि इसी कडी में पिछले दिनों राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल खादिम का भी नाम बदलकर होटल अजयमेरू किया गया था। देवनानी ने अजमेर को उसके वास्तविक नाम से परिचित कराने और शहर का सांस्कृतिक गौरव पुनः स्थापित करने के लिए होटल का नाम बदलकर होटल अजयमेरू करने के निर्देश दिए थे।

113 साल पहले हुई थी किंग एडवर्ड मेमोरियल की स्थापना

अजमेर रेलवे स्टेशन रोड स्थित किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी अजमेर का भवन 113 वर्ष पूर्व सन् 1912-1913 में प्रमुख रूप से अजमेर एवं पुष्कर जाने वाले यात्रियों को सस्ती दर पर प्रवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित हुआ था। सन् 1975 से रजिस्टर्ड, किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाऊस) सोसायटी इसका संचालन, रखरखाव आज तक तक कर रही है। राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन 03 सितम्बर 2014 से उक्त वर्णित भवन को पुरा स्मारक घोषित किया जा चुका है। परिसर का कुल क्षेत्रफल 17542 वर्गगगज (लगभग 9 बीघा) है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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