सर्वदलीय बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ पर की गई एकजुटता व्यक्त
- Neha Gupta
- Apr 24, 2025


श्रीनगर, 24 अप्रैल । पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज शाम श्रीनगर के एसकेआईसीसी में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें घातक हमले की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक में पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जम्मू और कश्मीर की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान 22 अप्रैल के हमले को बर्बर और कश्मीरियत के मूल्यों और भारत के विचार पर हमला कहा गया।
प्रतिभागियों ने रक्षाहीन नागरिकों पर हमले की कड़ी निंदा की और अपनी पीड़ा व्यक्त की। प्रस्ताव में कहा गया कि इस तरह की कायरतापूर्ण और क्रूरतापूर्ण हरकतों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है और यह क्षेत्र की एकता और सद्भाव की परंपराओं पर सीधा हमला है। नेताओं ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के सभी प्रयासों के लिए पूर्ण समर्थन का वचन दिया और पुष्टि की कि आतंकी कार्रवाई का कोई भी कृत्य उनके संकल्प को कमजोर नहीं कर सकता। उन्होंने हमले के जवाब में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के लिए भी समर्थन व्यक्त किया। स्थानीय घुड़सवारी संचालक सैयद आदिल हुसैन शाह को भी विशेष श्रद्धांजलि दी गई जो पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकवादियों से लड़ने का प्रयास करते समय मारे गए थे। प्रस्ताव में उन्हें कश्मीरियत और कश्मीर के आतिथ्य का प्रतीक बताया गया और कहा गया कि उनकी बहादुरी सभी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। सभी प्रतिभगियों ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके साथ एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंनें पर्यटकों को भारी समर्थन देने और हमले की निंदा करने के लिए पूरे क्षेत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करने के लिए जम्मू और कश्मीर के लोगों की भी सराहना की। केंद्र शासित प्रदेश के बाहर कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रस्ताव में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई।
इसमें अधिकारियों से आग्रह किया गया कि वह जम्मू-कश्मीर के बाहर रहने वाले या यात्रा करने वाले कश्मीरियों के खिलाफ किसी भी तरह के उत्पीड़न, भेदभाव या धमकी को रोकें।
बैठक में राजनीतिक दलों, धार्मिक नेताओं, युवा समूहों, नागरिक समाज संगठनों और मीडिया से शांति बनाए रखने और सद्भाव को बाधित करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने का आह्वान किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर की समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, कई मंत्री, सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा और निजामुद्दीन भट, माकपा नेता एमवाई तारिगामी, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन, पीडीपी नेता महबूब बेग और बशारत बुखारी, अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद अल्ताफ बुखारी और भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर सहित अन्य नेता शामिल हुए।