अमित शाह ने चीनी मिलों से इथेनॉल उत्पादन में विविधता लाने का किया आग्रह

नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को चीनी मिलों से इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के विकल्प तलाशने का आह्वान किया और जैव ईंधन निर्माण के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

अमित शाह नई दिल्ली में डॉ. आम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में चीनी उद्योग संगोष्ठी एवं राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार 2022-23 समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान शाह ने सहकारिता के आठ क्षेत्रों में राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार भी प्रदान किये।

शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) को लक्ष्य रखना चाहिए कि अगले 2 साल में सभी सरकारी चीनी मिलें इथेनॉल बनाने वाली बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमें फेडरेशन को डायनेमिक बनाने और डिमांड तक सीमित न रखने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिमांड ड्रिवन फेडरेशन बनाने की जगह डायनेमिक फेडरेशन बनानी चाहिए और हमें गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों की समृद्धि का लक्ष्य रख कर काम करना चाहिए।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब बायोफ्यूल अलायंस के ज़रिए दुनियाभर में जागरूकता पैदा होगी, तब इसका सबसे बड़ा फायदा हमारे गन्ना किसानों और चीनी मिलों को होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है लेकिन इस लक्ष्य को हम 2025-26 तक ही प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि लगभग 5000 करोड़ लीटर पेट्रोल की बिक्री में से इथेनॉल की ज़रूरत 1 हज़ार करोड़ लीटर हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में गन्ना उत्पादन का क्षेत्र 5 मिलियन हेक्टेयर था जिसे मात्र 10 साल में लगभग 18 प्रतिशत बढ़ाकर 6 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंचाने में हमें सफलता मिली है। गन्ने का उत्पादन 352 मिलियन टन था जो आज 40 प्रतिशत बढ़कर 491 मिलियन टन हो गया है। इसी प्रकार, उपज में 19 प्रतिशत और कुल चीनी उत्पादन में 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इथेनॉल का उत्पादन और उसमें चीनी का डायवर्जन शून्य था, जो आज 4.5. मिलियन टन चीनी इथेनॉल उत्पादन में डायवर्जन कर पाते हैं। चीनी उद्योग से इथेनॉल की प्राप्ति पहले 38 करोड़ लीटर होती थी और उसका सीमित उपयोग होता था, जो आज 370 करोड़ लीटर हो गया है। उन्हाेंने कहा कि इन सब का सीधा फायदा किसानों की जेब में गया है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अभी जी-20 की बैठक की और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का गठन किया। हम सभी जानते हैं कि गुरुग्राम में गठबंधन का मुख्यालय बनाकर भारत को बायोफ्यूल का कैपिटल बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आप जो भी बनाते हैं, जो भी गन्ना पैदा करते हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 में दुनिया को यह सब निर्यात करने के लिए एक मंच दिया है और यह हमारे किसानों के लिए सौभाग्य की बात है। मुझे यकीन है कि हमारे गन्ना किसान, हमारी सहकारी समितियां और अन्य चीनी मिलें इससे सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार / रामानुज

   

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