नवग्रहों में श्री शनिदेव जी आज होंगे मार्गी

जम्मू, 14 नवंबर (हि.स.)। नवग्रहों में श्री शनिदेव जी सबसे ज्यादा शक्तिशाली ग्रह है,इस वर्ष सन् 2024 ई. श्री शनिदेव 30 जून को पर कुम्भ राशि में वक्री हुए थे और इसी वर्ष 15 नवंबर शुक्रवार शाम 07 बजकर 53 मिनट पर कुंभ राशि में ही मार्गी होंगे और जो 139 दिन बाद अपनी चाल बदल रहे हैं। इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया श्री शनिदेव के वक्री होने का अर्थ यह है कि श्री शनिदेव अब उल्टा चलेंगे और मार्गी होना यानी सीधा चलेंगे,श्री शनिदेव वक्री की अवधि कुल 139 दिनों की रही।

श्री शनिदेव न्याय प्रिय और दंडाधिकारी हैं इसलिए उन्हें कलयुग का न्यायाधीश कहते हैं। श्री शनिदेव का कार्य प्रकृति में संतुलन पैदा करना है इसलिए समस्त मानव जाति पर श्री शनिदेव जी का वक्री अथवा मार्गी होने पर गहरा प्रभाव होता है। ज्योतिष के अनुसार श्री शनिदेव जी कर्म और सेवा का कारक होते है यानि इसका सीधा संबंध आपकी नौकरी और व्यवसाय से होता है। इसी वजह से श्री शनिदेव जी की चाल का असर आपकी नौकरी व व्यवसाय में सफलता और उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इनके प्रभाव से ही मनुष्य के जीवन में बड़े बदलाव होते हैं। ये परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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