राज्य में स्टाम्प ड्यूटी एक्ट के सुगम कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार का अहम निर्णय
- Admin Admin
- Apr 08, 2025

•पैतृक संपत्ति के मामले में मृतक बेटी के उत्तराधिकारियों द्वारा किए जाने वाले अधिकार त्यागने (कटौती) के दस्तावेज 200 रुपये के स्टाम्प ड्यूटी का उपयोग कर किए जा सकेंगे
•1 करोड़ रुपये तक की ऋण की राशि पर अधिकतम 5,000 रुपए की सीमा में स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा
गांधीनगर, 8 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने गुजरात स्टाम्प अधिनियम के अनेक प्रावधानों में संशोधन किए हैं। इन संशोधनों में सार्वजनिक दरों में कटौती करने के साथ ही प्रशासनिक सरलता और सुगमता बढ़ाकर स्टाम्प ड्यूटी एक्ट के प्रभावी कार्यान्वयन का दृष्टिकोण रखा गया है। स्टाम्प ड्यूटी एक्ट के ये संशोधित प्रावधान राज्य में गुरुवार, 10 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे।
राज्य के राजस्व विभाग ने स्टाम्प ड्यूटी एक्ट के प्रावधानों में जो संशोधन किए हैं, उनमें इन प्रावधानों को शामिल किया गया है, पैतृक संपत्ति के मामले में मृतक बेटी के उत्तराधिकारियों द्वारा किए जाने वाले अधिकार कटौती दस्तावेज 200 रुपए की स्टाम्प ड्यूटी का उपयोग कर किए जा सकेंगे। 1 करोड़ रुपए तक की ऋण राशि पर अधिकतम 5000 रुपए की सीमा में स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा। 10 करोड़ रुपए से अधिक राशि के ऋण के संबंध में किए जाने वाले बंधक/हाइपोथिकेशन के दस्तावेजों पर अधिकतम 8,00,000 रुपए की ड्यूटी के वर्तमान प्रावधानों में बढ़ोतरी कर उसे 15,00,000 रुपए किया गया है। लेकिन एक से अधिक बैंकों से लोन लेने के मामले में सरचार्ज के अलावा अधिकतम 75,00,000 रुपए की स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान का प्रावधान किया गया है। अतिरिक्त गारंटी के मामले में अब से निश्चित 5,000 रुपए की ड्यूटी का भुगतान करना होगा। कम स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान के मामले में यदि आवेदक स्वयं चलकर ड्यूटी का भुगतान करने आता है, तो दस्तावेज की तारीख से प्रतिमाह दो फीसदी की दर, परन्तु अधिकतम छूटी हुई ड्यूटी की चार गुना राशि वसूल की जाएगी।
इसी तरह, तंत्र द्वारा स्टाम्प ड्यूटी की चोरी पकड़ने के मामले में जुर्माना राशि 3 फीसदी प्रतिमाह की दर से, लेकिन अधिकतम 6 गुना तक वसूलने का प्रावधान किया गया है। एक वर्ष से कम अवधि के लिए किराया पट्टे के दस्तावेज औसत वार्षिक किराया राशि का 1 फीसदी ड्यूटी शुल्क दिए बिना 300 रुपए के स्टाम्प पेपर पर किए जाते थे। राज्य सरकार ने अब रिहायशी (रेसिडेंशियल) के लिए निश्चित 500 रुपए और वाणिज्य (कॉमर्शियल) के लिए 1000 रुपए की ड्यूटी के भुगतान का प्रावधान किया है। बंधक के मामले में यदि बैंक/वित्तीय संस्थानों द्वा दस्तावेज कर उस पर स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान नहीं किया जाता, तो ऐसे मामलों में दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान का दायित्व बैंकों/वित्तीय संस्थानों का होगा। इसके अलावा, इस एक्ट में यह प्रावधान भी किया गया है कि, वास्तविक विलेख (ओरिजिनल डॉक्यूमेंट) की अनुपस्थिति में कम स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान वाले दस्तावजों की प्रतिलिपियों पर भी ड्यूटी वसूल की जा सकेगी। राज्य सरकार द्वारा गुजरात स्टाम्प अधिनियम-1958 के प्रावधानों में किए गए इन संशोधनों के अलावा अन्य संशोधन भी किए गए हैं। ये ड्यूटी संशोधन मूल ड्यूटी में किए गए हैं। इसमें कानूनी प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त ड्यूटी (सरचार्ज) भी लगाया जाएगा। सरकार ने इन प्रावधानों के माध्यम से उद्योगकारों और हाउसिंग लोनधारकों के वित्तीय बोझ में कमी करने का प्रयास किया है। ये नए संशोधन पैतृक संपत्ति में अधिकार त्यागने यानी कटौती करने के मामले में उत्पन्न होने वाली व्याख्या संबंधित मसलों के समाधान और कानूनी प्रावधानों के संबंध में उत्पन्न होने वाले कोर्ट मैटर्स-लिटिगेशंस को कम करने के लिए किए गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय