इटानगर, 24 जनवरी (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने चीन के ऐतिहासिक कदमों और उसके विशाल जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों पर चिंता व्यक्त की। पर्यावरण और सुरक्षा पर आयोजित एक संगोष्ठी में मुख्यमंत्री खांडू ने ब्रह्मपुत्र और सियांग नदियों पर चीन की 60,000 मेगावाट की बांध परियोजना से होने वाले पारिस्थितिकीय प्रभावों को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री खांडू ने संयुक्त राष्ट्र जल संधि में चीन की गैरमौजूदगी की आलोचना करते हुए कहा, यदि चीन इसका हस्ताक्षरकर्ता होता, तो जवाबदेही सुनिश्चित होती। लेकिन, इसके बिना भरोसे की कमी और बढ़ जाती है। उन्होंने तिब्बत से सटे अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं के संदर्भ में तिब्बत की स्थिति को लेकर तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया।
अरुणाचल की शांति के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए, मुख्यमंत्री ने चीन के इतिहास को देखते हुए उस पर भरोसा करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि तिब्बत और लद्दाख में संसाधनों के शोषण के मामले चीन के रिकॉर्ड को ध्यान में रखना चाहिए।
इस संगोष्ठी में सांसद तापिर गाओ और सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के अध्यक्ष पेनपा त्सेरिंग सहित कई मंत्री और विधायक शामिल हुए। सभी ने पर्यावरणीय सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए सतर्कता की आवश्यकता पर एकजुट राय व्यक्त की।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश