ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए अरुणाचल और गुजरात के बीच समझौता

इटानगर, 19 जून (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश ने अपने ग्रामीण शासन और विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को भारत के अग्रणी ग्रामीण प्रबंधन संस्थानों में से एक ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) के साथ रणनीतिक साझेदारी की है।

अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री ओजिंग तासिंग ने इटानगर में आयोजित एक समारोह में राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी एंड पीआर) और गुजरात के प्रतिष्ठित ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस सहयोग का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज के गांवों और आदिवासी समुदायों में ग्रामीण विकास योजनाओं के शैक्षणिक विशेषज्ञता और जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटना है। त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के तहत एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित आईआरएमए, ग्रामीण प्रबंधन शिक्षा और अनुसंधान में दशकों का अनुभव लेकर आया है। यह साझेदारी स्थानीय सरकारी अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण, सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञान साझा करने और पूर्वोत्तर राज्य के लिए विशिष्ट ग्रामीण चुनौतियों के लिए अभिनव दृष्टिकोण विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

मंत्री तासिंग ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार के विकसित अरुणाचल दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करना चाहता है। इस सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

आईआरएमए गुजरात के निदेशक डॉ. उमाकांत दाश ने ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज, अरुणाचल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और एसआईआरडी एंड पीआर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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