गुवाहाटी, 28 नवंबर (हि.स.)। असम ने अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग को अधिक वैज्ञानिक बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन एक्ट, 2022 के तहत मेज़रमेंट कलेक्शन यूनिट (एमसीयू) सिस्टम को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह कदम जांच प्रक्रिया और अपराध पहचान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुन्ना प्रसाद के अनुसार, एमसीयू सुविधाओं की शुरुआत राज्य की वैज्ञानिक पुलिसिंग क्षमता को एक नए स्तर पर ले जाती है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली विशेष रूप से आदतन या दोबारा अपराध करने वालों को पहचान से बचने नहीं देगी।
पहले जहां पुलिस रिकॉर्ड केवल डिजिटाइज्ड फिंगरप्रिंट तक सीमित थे, वहीं नए एमसीयू सिस्टम के माध्यम से डीएनए सैंपल, रेटिना स्कैन, फुल-बॉडी मेज़रमेंट और अन्य बायोमेट्रिक पहचानें भी एक सुरक्षित डिजिटल डाटाबेस में संरक्षित की जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि यह डाटा देशभर की पुलिस एजेंसियों के लिए उपलब्ध रहेगा, जिससे संदिग्धों की पहचान तेजी से हो सकेगी और अंतर-राज्यीय जांच सहयोग मजबूत होगा।
असम के सभी जिला मुख्यालयों में एमसीयू सुविधाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे राज्य फॉरेंसिक तकनीक के एकीकृत उपयोग में अग्रणी बन गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह सिस्टम विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों की जांच में अहम भूमिका निभाएगा, क्योंकि ऐसे मामलों में आरोपितों के डीएनए प्रोफाइल भी सुरक्षित रखे जाएंगे।
इस वैज्ञानिक प्रणाली के लागू होने से अपराधियों की पहचान में सटीकता, पारदर्शिता और दक्षता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे राज्य में दोहराए जाने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



