असमिया नारी के सम्मान पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ़ 'आआपा' महिला शक्ति का विरोध प्रदर्शन

गुवाहाटी, 30 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा द्वारा कांग्रेस शासनकाल में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी—कि उन्होंने गलत तरीकों से नौकरी पाई—के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आआपा) असम की महिला शक्ति इकाई ने बुधवार को गुवाहाटी में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने हाथों में प्लेकार्ड लेकर मुख्यमंत्री के बयान को नारी गरिमा पर सीधा हमला बताया।

पार्टी की उपाध्यक्ष अनुरूपा डेका ने तीखे शब्दों में मुख्यमंत्री से पूछा, मुख्यमंत्री, किन-किन महिलाओं ने अपनी मर्यादा खोई थी? उस वक्त आप क्यों चुप थे? अगर आप जानते थे और फिर भी चुप थे, तो आप अपराधियों से कम दोषी नहीं। उन्होंने वर्ष 2021 में बलात्कार पीड़िता अर्णमा बोरा के नाम का हवाला देते हुए कहा, मुख्यमंत्री ने चुनाव जीतने के लिए मां-बहनों की अस्मिता तक को दांव पर लगाया है। जिस तरह महाभारत में द्रौपदी को पासे की बिसात पर रखा गया था, आज भी महिलाओं का राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल हो रहा है। इतिहास खुद को दोहरा रहा है। जो नारी को लेकर राजनीति करता है, उसका पतन निश्चित है।

इस प्रदर्शन में महिला शक्ति की उप-नेत्री अलकानंदा डेका, बिमला देवी समेत कई अन्य सदस्य शामिल हुईं और महिलाओं के सम्मान और अधिकारों के पक्ष में आवाज़ बुलंद की। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री से उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगते हुए राजनीति में महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग की।

इधर, मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने आज अपने बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ओर से कुछ भी नहीं कहा है। उन्होंने सिर्फ गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (अवकाश प्राप्त) बिप्लब शर्मा और एपीएससी के गिरफ्तार चेयरमैन राकेश पाल की मां के बयान को उद्धृत किया।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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