
गुवाहाटी, 13 मार्च (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्रथम महिला कुमुद देवी के साथ राजभवन परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों संग प्री-होली उत्सव मनाया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि होली का पर्व सामाजिक संबंधों को मजबूत करने और समरसता को बढ़ावा देने का संदेश देता है। उन्होंने कहा, “भारत अपनी समृद्ध विविधता के साथ एकता का अनूठा उदाहरण है। हर राज्य में होली अपने पारंपरिक अंदाज में मनाई जाती है, लेकिन उमंग, प्रेम और सामूहिक उल्लास का भाव सभी जगह समान रहता है।”
राज्यपाल ने कहा कि होली केवल रंगों का पर्व ही नहीं, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के संगम का उत्सव भी है, जिसमें अलग-अलग समुदाय अपनी अनूठी परंपराओं के साथ उल्लासपूर्वक भाग लेते हैं।
उन्होंने असम में होली के आध्यात्मिक पक्ष को भी रेखांकित किया और कहा कि यह पर्व संतों और आध्यात्मिक गुरुओं की शिक्षाओं से गहराई से जुड़ा है। आचार्य ने कहा, “असम में होली का गहरा संबंध महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव द्वारा प्रचारित नववैष्णव परंपरा से है।” उन्होंने बताया कि विशेष रूप से माजुली और बरपेटा सत्र में यह पर्व भक्ति, श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस मौके पर उत्तर-पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक प्रस्तुति ने समारोह को और खास बना दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश