विधानसभा सदस्यों ने जल शक्ति विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर लाठीचार्ज और हिरासत में लिए जाने का मुद्दा उठाया

जम्मू, 11 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को तब शोरगुल देखने को मिला जब पार्टी लाइन से अलग हटकर सदस्यों ने जल शक्ति विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर लाठीचार्ज और हिरासत में लिए जाने का मुद्दा उठाया। ये कर्मचारी वेतन जारी करने और नौकरियों को नियमित करने की मांग कर रहे थे।

आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने दैनिक वेतनभोगियों द्वारा किए जा रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया। उन्होंने उन पर लाठीचार्ज और उसके बाद उन्हें हिरासत में लिए जाने की घटना को उजागर किया। कई भाजपा सदस्यों ने रंधावा का समर्थन किया क्योंकि उन्होंने सरकार द्वारा मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कांग्रेस के निजामुद्दीन भट के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य मीर सैफुल्लाह और बी ए वीरी ने भी इस मुद्दे को उठाया। स्पीकर अब्दुल रहीम राथर के बैठने और प्रश्नकाल शुरू होने देने के अनुरोध के बावजूद सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाना जारी रखा जिससे सदन में शोरगुल की स्थिति पैदा हो गई।

सोमवार को जम्मू और श्रीनगर में जल शक्ति (पीएचई) विभाग के दर्जनों कर्मचारियों और दैनिक वेतनभोगियों पर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया क्योंकि वह विधानसभा और मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च कर रहे थे। पीएचई अधिकारी करीब 85 महीनों से उनका लंबित वेतन जारी करने में विफल रहे हैं। प्रशासन के आश्वासन के बावजूद उनका नियमितीकरण लंबित है। प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी न होने पर 20 मार्च से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। पिछले साल भी दैनिक वेतनभोगियों ने लंबित वेतन जारी करने और नौकरी नियमित करने की मांग को लेकर लंबी हड़ताल की थी। उच्च अधिकारियों से कई दौर की बातचीत के बावजूद उनकी समस्याएं अनसुलझी हैं। दैनिक वेतनभोगियों ने सरकार पर उनकी पुरानी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आश्वासन के बावजूद उनके नियमितीकरण या वेतन संशोधन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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