
हाथरस, 27 अप्रैल (हि.स.)। समाजवादी पार्टी (सपा) से राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के काफिले पर रविवार दोपहर को हमला हो गया। आरोप है कि क्षत्रिय समाज के युवकों ने काफिले पर टायर और पत्थर फेंके हैं। भागने के दौरान काफिले में चल रही गाड़ियां आपस में टकरा गईं। पांच से छह लोग घायल हुए हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने राज्यसभा सांसद को सुरक्षा में ले लिया।
बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन बुलंदशहर में एक दलित परिवार से मिलने जा रहे थे। अलीगढ़ के गभाना टोल प्लाजा से पहले क्षत्रिय समाज के युवक अचानक हाईवे पर आ गए और काफिले पर टायर व पत्थर फेंकने लगे। सांसद के काफिले में 20 से ज्यादा गाड़ियां मौजूद थीं। हमले से बचने के लिए गाड़ियां तेजी से भागने लगी। इस दौरान पांच गाडियां आपस में टकरा गई, जिसमें पांच से छह लोग घायल हो गये। हमले के बाद समर्थक और पुलिसकर्मियों ने रामजीलाल को सुरक्षा घेरे में लेकर उन्हें बुलंदशहर की तरफ रवाना किया।
हमले के बाद घबराए रामजीलाल सुमन ने कहा कि उनके काफिले पर पथराव हुआ। उस समय पुलिस की आंखें पता नहीं, कहां लगी थीं। यूपी में कुछ वर्ग के लोगों पर सरकार मेहरबान है। दलित अत्याचार से परेशान हैं। बुलंदशहर के सुनेहरा में दलितों को कुचलने जैसे मामले सभी के सामने हैं। प्रशासन कहता है कि इन मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई है, लेकिन हम इन कार्रवाई को सख्त नहीं मानते, क्योंकि पुलिसिया एक्शन के बाद भी लगातार दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में एक डेलीगेशन पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था। इसमें सपा लोहिया वाहिनी अध्यक्ष, अनुसूचित प्रकोष्ठ अध्यक्ष भी शामिल थे। लेकिन पुलिस-प्रशासन ने रोक दिया। प्रशासन नहीं चाहता कि हकीकत सभी के सामने आए। सही मायने में बोला जाए तो आज यूपी में दलितों पर अत्याचारों की बाढ़ आ गई है। आगरा में नगरा तलसी, रामपुर में दलित बच्चे के साथ जो कुछ हुआ, सभी के सामने है। उप्र में जगह-जगह बाबा साहेब की मूर्तियां खंडित की जा रही हैं।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक नगर मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि राज्यसभा सांसद की ओर से शिकायत की गई है कि उनके काफिले पर कुछ शरारती तत्वाें ने टायर फेंके हैं। इस संबंध में गभाना थाना में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सपा से राज्यसभा सांसद ने बीते दिनों संसद में राणा सांगा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसको लेकर करणी सेना ने काफी नाराजगी व्यक्त की थी और विरोध-प्रदर्शन भी किया था। सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने पहले ही चेतावनी दी थी।
हिन्दुस्थान समाचार / मदन मोहन राना