अयोध्या, 17 नवंबर (हि.स.)। रामनगरी से चित्रकूट के लिए श्रीभरत यात्रा का शुभारंभ श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महन्त नृत्य गोपाल दास ने किया। दोपहर बाद श्री भरत यात्रा अपने पहले पड़ाव भरत कुंड पहुंची। यात्रा का स्वागत भरतकुंड और आसपास के सैकड़ों समाजसेवियों और श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। स्वागत के दौरान जय श्रीराम, भरत जी की जय, शत्रुध्न लाल की जय, और बजरंग बली की जय जैसे उद्घोषों से वातावरण गूंज उठा। इसके बाद, यात्रा अपराह्न 12 बजे अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान कर गई।
भरतकुण्ड भरतकुण्ड स्थित श्री भरत हनुमान मिलन मंदिर में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब श्री भरत यात्रा अयोध्या से पहुँची। इस यात्रा में साधु संतों और गृहस्थों की बड़ी संख्या शामिल थी, जो जात मनावन रघुबरहिं, भरत सरिस को आज के भाव के साथ प्रभु श्रीराम के अनुज, श्री भरत जी महाराज और श्री शत्रुध्न जी महाराज के साथ चित्रकूट की ओर प्रस्थान कर रहे थे।यात्रा का नेतृत्व कमल नयन दास महाराज और संयोजन विमल कृष्ण दास जी महाराज द्वारा किया गया। यात्रा जैसे ही भरतकुण्ड पहुँची, स्थानीय महन्त परमात्मादास की अगुवाई में श्रीमती श्यामादेवी राम बिलास अग्रहरि सेवा समिति के अध्यक्ष फूल चंद्र अग्रहरि ने सेवा समिति के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ इसका भव्य स्वागत किया। इस दौरान कोऑपरेटिव बैंक के सभापति धर्मेंद्र प्रताप सिंह टिल्लू, वरिष्ठ भाजपा नेता कमला शंकर पाण्डेय और केशव बिगुलर सहित अन्य विशिष्ट अतिथिगण भी उपस्थित थे। श्री भरत यात्रा का स्वागत माल्यार्पण, पुष्प वर्षा और पूजन अर्चन से किया गया। स्वागत में लोक गायक शीतला प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में भजनों की प्रस्तुति हुई, जिसमें पुष्पेन्द्र, भरत, मंगल, जय किशन और अन्य कलाकारों ने प्रभु श्रीराम के भजनों से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। इसके बाद, सेवा समिति द्वारा भरत और शत्रुध्न के रूप में सजे स्वरूप का पूजन अर्चन किया गया, और इसके साथ ही यात्रा में सम्मिलित संतों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। यात्रा में शामिल रामगोपाल दास जी, विमल कृष्ण दास जी, पंडित सचिन कृष्ण, पंडित विवेक कृष्ण और अन्य संतों के साथ ढाई सौ से अधिक यात्रियों का स्वागत किया गया। स्वागत कार्यक्रम के बाद स्वल्पाहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय