- जय श्रीराम के नारे से गूंजी प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या
- प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मेला क्षेत्र में रही मुस्तैद
- सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में उतारी गई फोर्स
अयोध्या, 11 नवंबर (हि.स.)। देवउठनी एकादशी लगते ही सोमवार को अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा का आगाज हो गया है। मुहूर्त के अनुसार सोमवार को दिन में 1 बजकर 54 मिनट से पंच कोसी परिक्रमा प्रारंभ हुई। पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने मार्ग को चूमकर श्रीराम का जयघोष कर परिक्रमा की शुरुआत की। दिन ढलने के साथ ही आस्था का ज्वार बढ़ गया। शाम छह बजे के बाद शहरी श्रद्धालुओं की आस्था हिलोरे मारने लगी। इसके बाद बड़ी संख्या में घरों में चूल्हा चौका संभालने वाली महिलाएं भी राम का नाम लेते हुए परिक्रमा करने पहुंच गईं। ऑफिस के कर्मचारी रहे हों या फिर शहर के कारोबारी। सभी रात 10 बजे के बाद पंचकोसी परिक्रमा करते दिखाई पड़े। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। महिला व पुरुष कर्मियों के अलावा सादी वर्दी में भी पुलिस कर्मचारी मेले पर निगाह रखे हुए थे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली बार 14 कोसी परिक्रमा हुई तो सभी पुराने रिकाॅर्ड टूट गए। परिक्रमा की 22 घन्टे की अवधि के 15 घंटे 14 कोसी मार्ग पर तिल रखने तक कि जगह नहीं थी। अयोध्या हनुमान गढ़ी में 24 घंटे में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया था। अब पंचकोसी परिक्रमा शुरू हो गई है। 12 नवंबर को 11 बजकर 38 मिनट तक मुहूर्त का समापन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी लगातार स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।
यहां लगा है अस्थायी स्वास्थ्य शिविर
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, ब्रह्मकुंड और झुनकी घाट पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई है।
14 स्थानों पर तैनात है एम्बुलेंस
पंचकोसी परिक्रमा के दौरान 14 स्थानों पर एंबुलेंस तैनात रहीं। इनमें पक्का घाट, पुराना सरयू पुल, कंट्रोल रूम, नया घाट पुलिस चौकी, हनुमान गुफा, साकेत पेट्रोल पंप, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, झुनकी घाट, बूथ नंबर चार, कनक भवन, श्रृंगार हाट बैरियर, श्रीराम जन्मभूिम के साथ हनुमानगढ़ी पर एंबुलेंस तैयार हालत में खड़ी रहेंगी।
इन जगहों पर क्या-क्या हैं नागरिक सुविधाएं
सम्पूर्ण परिक्रमा पथ पर पांच स्थानों उदया चौराहा, ब्रह्मकुण्ड, हनुमान गुफा, परमा एकेडमी, मोहबरा बाजार पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विश्राम स्थल व कैम्प की व्यवस्था की गयी है। समस्त विश्राम स्थल पर श्रद्धालुओं के मोबाइल टाॅयलेट, पेयजल और अल्पाहार की व्यवस्था की गयी है। स्थायी शौचालयों के अतिरिक्त मोबाइल टाॅयलेट लगाए गए हैं।शुद्ध पेयजल के लिए सम्पूर्ण परिक्रमा पथ पर टैंकर की व्यवस्था की गयी है। परिक्रमा मार्ग पर आयोजित भण्डारा स्थलों पर सफाई मित्रों की ड्यूटी लगायी गई है। परिक्रमा पथ पर सफाई व्यवस्था के लिए सेक्टरवार सफाई मित्र लगाए गए हैं। संपूर्ण परिक्रमा पथ पर पर्याप्त संख्या में पथ प्रकाश के लिए प्रकाश बिन्दु स्थापित किए गये हैं। संपूर्ण परिक्रमा पथ पर व्यवस्थाओं के सम्यक पर्यवेक्षण के लिए वरिष्ठ पर्यावक्षणीय अधिकारी/जोनल अधिकारी व सेक्टर प्रभारी की ड्यूटी लगायी गयी है।
क्या है पंचकोसी परिक्रमा का महत्व
देवउठनी एकादशी तिथि के दिन से अयोध्या में पांच कोस की परिक्रमा शुरू होती है। पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के क्षेत्र में होती है, जो लगभग 10 से 15 किलोमीटर की होती है। पंचकोसी की परिक्रमा करने से कहा जाता है कि समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है।
ड्रोन से भी की जा रही है निगरानी
14 कोसी परिक्रमा को सकुशल सम्पन्न कराने के बाद प्रशासन के सामने पंचकोसी परिक्रमा कराने की जिम्मेदारी है। एसएसपी राजकरण नैय्यर ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से परिक्रमा पथ पर आने वाली गलियों पर बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस कर्मियों के अलावा एटीएस भी निगरानी कर रही है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी लगाए गए हैं।परिक्रमा मार्ग को 4 जोन में 5 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
बलरामपुर से पहुंची माला देवी ने बताया कि 14 कोसी परिक्रमा को भी किया और पंच कोसी परिक्रमा भी कर रही है। उन्होंने बताया कि अबकी बार रामलीला अपने भाव और दिव्या मंदिर में विराजमान हुए हैं। उसको लेकर हम लोग बहुत खुश हैं, सुरक्षा व्यवस्था हो, चाहे स्वास्थ्य व्यवस्था, परिक्रमा मार्ग पर चलने के लिए जो सुगम व्यवस्था किए गए है। इस के लिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं साधुवाद देते है। उन्होंने बताया कि पहले की अयोध्या में अब की अयोध्या में काफी डेवलपमेंट देखने को मिला है। उन्होंने कहा की यही कारण है कि जो आज प्रभु श्री राम के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को लोग पसंद करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय