नही रहे बीएचयू के कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय

—2014 के लोकसभा चुनाव में न्यायमूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे

वाराणसी,18 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलाधिपति और भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र न्यायमूर्ति (रिटायर)गिरिधर मालवीय का सोमवार को निधन हो गया। 94 वर्षीय न्यायमूर्ति ने प्रयागराज में अंतिम श्वांस ली। वे काफी समय से उम्रजनित बीमारियों से पीड़ित रहे। न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के निधन की जानकारी पाते ही बीएचयू में शोक की लहर दौड़ गई। वरिष्ठ प्रोफेसरों के साथ छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर शोक संवेदना जताया।

शोक संवेदना जताने के लिए कुलपति प्रो. सुधीर जैन उनके प्रयागराज आवास के लिए रवाना हो गए। आखिरी बार वर्ष 2023 में न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। इस दौरान वह चलने में असमर्थ थे, जिसके कारण उन्हें व्हीलचेयर पर समारोह में लाया गया।

न्यायमूर्ति 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तब भाजपा के वाराणसी प्रत्याशी के प्रस्तावक भी रहे। न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय को 14 मार्च 1988 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद, नवंबर 2018 में, उन्हें विश्वविद्यालय न्यायालय द्वारा सर्वसम्मति से काशी हिंदू विश्वविद्यालय का कुलाधिपति चुना गया। गिरिधर मालवीय गंगा की निर्मलता व हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में आजीवन सक्रिय भूमिका निभाते रहे ।

गौरतलब हो कि अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में जस्टिस मालवीय को निमंत्रण देने आरएसएस के विभाग प्रचारक प्रयागराज स्थित जार्जटाउन स्थित आवास पर पहुंचे थे। उनके साथ विहिप के काशी प्रांत प्रमुख केपी सिंह, सह प्रांत संपर्क प्रमुख घनश्याम भी रहे। पदाधिकारियों ने उन्हें निमंत्रण की पुस्तिका के साथ पूजित अक्षत और रामलला का चित्र भी प्रदान किया था। न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने निमंत्रण मिलने पर खुशी जताई थी और इसे अपना सौभाग्य बताया था । उन्होंने कहा था कि सैकड़ों वर्षों के हिंदू समाज के संघर्ष और रामभक्तों के बलिदान के बाद यह शुभ दिन आया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह दिन सामने आया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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