बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग ने निकाली आईएमएस गेट से जागरूकता रैली

—दिया संदेश ,मिर्गी नहीं है लाइलाज ,मेडिकल स्टॉफ को मिर्गी के लक्षण पहचानने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

वाराणसी,18 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग ने सोमवार को संस्थान कार्यालय के गेट से जागरूकता रैली निकाली। रैली में बैगनी बनारस अभियान के तहत सभी वरिष्ठ, जूनियर, न्यूरोलॉजी विभाग के कर्मचारी और छात्र बैगनी टीशर्ट में अस्पताल आए। मरीजों को मिर्गी नहीं है लाइलाज का संदेश देते रहे।

जागरूकता रैली को हरी झंडी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस. शंखवार ने रवाना किया। इसका नेतृत्व न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने किया। इसके पहले संस्थान के निदेशक ने न्यूरोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए नए शोध के लिए प्रोत्साहित किया। उप चिकित्सा अधीक्षक सर सुंदर लाल चिकित्सालय एवं बाल रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंकुर सिंह ने बच्चों के मिर्गी रोग के बारे में जागरूक किया। प्रो.विजयनाथ मिश्र ने बताया कि हम जिला प्रशासन के साथ मिलकर पैरामेडिकल स्टाफ को यह प्रशिक्षण देने जा रहे है कि कैसे मिर्गी के लक्षण को पहचाने? । न्यूरोलॉजी विभाग पिछले 14 साल से पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में जनजागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने कहा कि मिर्गी को लेकर विभाग द्वारा चलाए जा रहे जनजागरूकता कार्यक्रम के दौरान देखने को मिलता है कि मरीज के प्रति लोगों में घृणा है। कई बार रोग के झटके आने से लड़के-लड़कियों की शादी तक टूट जाती है। ससुराल में लड़कियों को झटका आने पर उनका जीवन नरक हो जाता है। ऐसे में मरीजों के प्रति सहानुभूति रखें, उसका इलाज करवाएं।

उन्होंने बताया कि कई महान क्रिकेटर, उद्योगपति और राजनेता मिर्गी बीमारी से पीड़ित है और दवा खाकर सामान्य जीवन यापन कर रहे है। रैली में प्रोफेसर आर. एन. चौरसिया, प्रोफेसर दीपिका जोशी, डॉक्टर आनंद, डॉक्टर वरुण, प्रोफेसर रोयाना सिंह ने भी भागीदारी की।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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