एमयूडीए घोटाले में सिद्धारमैया के प्रमुख आरोपित बनाए जाने पर भाजपा ने साधा निशाना

नई दिल्ली, 28 सितंबर (हि.स.)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लोकायुक्त द्वारा मैसूर अर्बन डवलपमेंट अथॉरिटी (एमयूडीए) के कथित घोटाले में आरोपित नंबर वन बनाए जाने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। इसे लेकर भाजपा हमलावर है।

शनिवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस मामले में आरोप सबसे पहले कांग्रेस ने ही लगाए थे और कर्नाटक की लोकायुक्त अदालत का फैसला भी सभी के सामने है। उन्होंने पूछा कि क्या लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी भ्रष्ट नेताओं का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर आरोप है कि उनके परिवार ने सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर संपत्ति बनाई है।

उन्होंने कहा कि अहम बात यह है कि किसी केंद्रीय एजेंसी ने इसकी जांच नहीं की है, किसी ने भी अपनी तरफ से कोई अर्जी दाखिल नहीं की है। कर्नाटक के लोकायुक्त कोर्ट में यानी कांग्रेस पार्टी की ओर से आरोप लगाए गए थे। सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि ये मामला बिल्कुल अलग है क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और कर्नाटक लोकायुक्त ने ये आदेश दिया है कि एमयूडीए घोटाले में न सिर्फ सिद्धारमैया और बल्कि उनका परिवार दोषी है।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त कोर्ट ने मामला दर्ज किया है। यह मामला मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमयूडीए) घोटाले को लेकर किया गया है।

दरअसल, पूरा मसला जमीन के एक टुकड़े का है। ये जमीन 3.14 एकड़ की है, जो सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम है। आरोप लगाया गया है कि उनकी पत्नी को नियमों का उल्लंघन करते हुए एमयूडीए की तरफ से प्रीमियम संपत्तियां आवंटित की गई हैं। एफआईआर में सिद्धारमैया को पहले आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है, उसके बाद उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और कथित जमीन मालिक देवराज का नाम दर्ज है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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