10 दिन से जमींदार के घर रुके थे बबलू आदिवासी के परिवार के 12 लोग

मूंगफली उखाड़ने के लिए बुलाया गया था ललितपुर से

झांसी, 16 अक्टूबर (हि.स.)। ललितपुर के बालाबेहट थाना क्षेत्र महुली गांव निवासी मृतक बबलू आदिवासी के पुत्र रानू ने बताया कि उसके परिवार के 12 लोग सरसेड़ा गांव में मूला देवी व अशोक की मूंगफली उखाड़ने आए थे। पिछले 10 दिन से हम लोग उन्हीं के घर में रुके थे। आज सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉली से खेत पर मूंगफली उखाड़ने जा रहे थे। ट्रैक्टर कच्चे रास्ते से होकर खेत पर जा रहा था। रास्ता ठीक नहीं था, इससे ड्राइवर संतुलन खो बैठा और ट्रैक्टर-ट्रॉली नाले में जाकर पलट गया। हादसे में उसके पिता बबलू (45), छोटे भाई दीपक (18) और छोटू (12) की मौत हो गई। मेरी मां पानबाई, संतोषी, रिंकी, फूला, रघुवीर, रानू, सूरज व अन्य लोग घायल हो गए। सभी घायलों को गुरसराए सीएचसी से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

रानू आदिवासी ने बताया कि हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटी तो झटके में कुछ लोग पहले ही दूर जा गिरे। जबकि पिता बबलू, दोनों भाई दीपक और छोटू ट्रॉली के नीचे दब गए। हादसे के बाद आसपास के लोग एकत्र हो गए और उनको किसी तरह बाहर निकाला। लेकिन तब तक पिता और भाई दीपक की मौत हो चुकी थी। जबकि छोटू ने गुरसरांय समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

5 भाइयों में सबसे छोटे थे दोनों

ट्रैक्टर ट्राली के नीचे दबकर पिता और दो बेटों की मौत के बाद कोहराम मच गया। बबलू के 5 बेटों में दीपक और छोटू सबसे छोटे थे। दोनों की शादी अभी नहीं हुई थी। उनसे बड़े रानू, रघुवीर और रवि की शादी हो चुकी है। मूंगफली उखाड़ने के लिए 4 भाई परिवार के साथ सरसेड़ा आए थे। जबकि रवि घर पर ही रुका था। बबलू की 3 बेटियों में दो की शादी हो चुकी है। मौत के बाद परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है।

15 दिन की बच्ची को कीचड़ से ढूढ़कर निकाला

रानू ने आगे बताया कि हादसे के बाद 15 दिन की बच्ची नाले के कीचड़ में गिर गई। किसी तरह उसको कीचड़ में ढूंढ़ा गया। ट्रॉली में छोटे-छोटे 7 बच्चे भी सवार थे। हादसे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया

   

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