धमतरी, 27 अक्टूबर (हि.स.)। धान कटाई की चिंता और ऊपर से मौसम की बेरुखी से किसान खासे चिंतित हैं। दीपावली जैसे बड़े त्योहार के पहले हरूना किस्म की धान कटाई लायक हो चुकी है उसे भी नहीं सहेज पाए हैं। बदली के चलते धान फसल में तेजी से बीमारी बढ़ रही है। खासकर इन दिनों भूरा माहो व चाप नामक बीमारी फसल को अपने चपेट में ले रही है। कटाई करनी है उसमें मज़बूरीवश दवा का छिड़काव करना पड़ रहा है। अचानक मौसम परिवर्तन के बाद रविवार को दोपहर तीन बजे बूंदाबांदी हुआ। नरम-गरम मिजाज की वजह से स्वास्थ्य पर भी नम हवा का बुरा असर पड़ रहा है। सर्दी, खांसी व बुखार तेजी से लोगों को पकड़ रहा है।
क्षेत्र के डाॅ. कुलदीप ठाकुर, नर्स यमुना साहू का कहना है कि यह समय ऋतु परिवर्तन का है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहे। खासकर ताजा भोजन, पानी का उपयोग करें जिससे होने वाले दुष्प्रभाव पर अंकुश लग सकता है। तना छेदक व पत्ता मोड़ के प्रभाव से किसान चिंतित: इन दिनों मगरलोड ब्लाक सहित पूरे अंचल किसान खरीफ फसल के कार्य में - व्यस्त हैं। कुछ जगह निंदाई कार्य चल रहा है। सम शीतोष्ण वातावरण होने कारण धान के फसल में कीट प्रकोप देखा जा रहा है। प्रमुख रूप से तनाछेदक, शीत ब्लास्ट, सड़न गलन की बीमारी की शिकायत मिल रही है। किसानों द्वारा दो से तीन बार दवाई छिड़काव करने पर भी तना छेदक बीमारी से राहत नहीं मिल रही है। इन दिनों मौसम में काफी बदलाव हो रहा है। कभी तेज धूप उमस तो कभी आसमान में बादल छाये रहते हैं। यही वजह है कि कीट प्रकोप बढ़ गया है। किसानों को सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से बार-बार कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना पड़ रहा। किसान अंजोरी साहू ने खेतों में तनाछेदक, और सड़न गलन की दवाई का छिड़काव किया। उन्होंने बताया कि तीन बार कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर चुके है फिर भी धान जिस तरह से बढ़ना चाहिए। वैसा नहीं बढ़ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा