बलिया , 10 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की शिक्षा व्यवस्था के बेहतर तालमेल के लिए विश्वविद्यालयों के बीच आपसी समन्वय के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया गया है। एनइपी के इसी उद्देश्य के लिए जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि गोरखपुर के कुलपति प्रो. एके सिंह, सिद्धार्थ विवि कपिलवस्तु की कुलपति प्रो. कविता शाह, मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि गोरखपुर के कुलपति प्रो. जेपी सैनी के साथ शुक्रवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया।
विश्वविद्यालय अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में तथा अनुसंधान के विभिन्न स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने तथा देश के विकास के लिए शिक्षा क्षेत्र का अधिकतम उपयोग करने के लिए साथ आएं। इसे लेकर की गई पहल के तहत पूर्वांचल के पांच राज्य विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू साइन किया गया। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों एवं उनके संकाय सदस्यों की विशेषज्ञता का आपसी समन्वय के साथ बेहतर सदुपयोग करना है। एओएमयू पर हस्ताक्षर के बाद कुलपतियों ने अपने विचार रखे। गोरखपुर विवि की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने शैक्षणिक एवं अनुसंधान गतिविधियों में मजबूती, कोर्स डिजाइन से लेकर रिसर्च कोलेबरेशन तक सभी क्षेत्रों में सहयोग की बात की। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विवि के कुलपति प्रो. एके सिंह ने गोद लिए गांवों में शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने पर बल दिया। सिद्धार्थ विवि के कुलपति प्रो. कविता शाह ने बौद्ध धर्म दर्शन पर शोध एवं शैक्षणिक पहल में सहयोग की इच्छा जताई। एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कंसल्टेंसी, ज्वाइंट पब्लिकेशन और पेटेंट को बढ़ावा देने की बात की।
एमओयू के उद्देश्य को लेकर जेएनसीयू के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान में सहयोग की संभावना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सहयोग, सांस्कृतिक समन्वय और अनुसंधान के लिए यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का आदान- प्रदान, इंटर्नशिप के साथ शिक्षण और अनुसंधान में एक- दूसरे की बेहतर विशेषज्ञता का लाभ उठाना है। इन समझौतों से शैक्षणिक उत्कृष्टता को नई दिशा देने स्थायी सहयोग को प्रोत्साहित करने के साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में विवि को बेहतर स्थान प्राप्त करने में सुगमता होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / नीतू तिवारी