बांदीपोरा को पूंजीगत व्यय योजना के तहत प्राथमिकता वाली परियोजनाएँ मिलेंगी- सरकार

श्रीनगर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। सरकार ने स्पष्ट किया है कि नगर परिषद बांदीपोरा को अमृत योजना से बाहर नहीं रखा गया है और इसकी जल आपूर्ति योजना (डब्ल्यूएसएस) अमृत 2.0 के तहत तैयार की गई थी लेकिन सीमित अधिकतम सीमा के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका।

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार सरकार ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग समिति (यूटीएलएससी) ने अब आगामी वित्तीय वर्षों में ऐसी सभी परियोजनाओं को पूंजीगत व्यय योजना के तहत लेने का निर्णय लिया है।

सरकार ने कहा कि बांदीपोरा पहले से ही जम्मू और कश्मीर की अन्य विकसित नगर पालिकाओं के बराबर है जहाँ केंद्र शासित प्रदेश पूंजीगत व्यय बजट, एनजीटी और एसबीएम-यू (2.0) सहित विभिन्न योजनाओं के तहत बुनियादी ढाँचे का विकास किया जा रहा है।

विभाग ने कहा कि शहर में शहरी बुनियादी ढाँचे में बड़े सुधार हुए हैं जिसमें बेहतर संपर्क और यातायात प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए उन्नत संपर्क सड़कें, नालियाँ और फुटपाथ शामिल हैं। निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए पार्क, विवाह भवन और मनोरंजन केंद्र जैसे सार्वजनिक स्थान भी विकसित किए गए हैं।

घर-घर कचरा संग्रहण, सड़कों की सफाई और कूड़ेदान लगाने जैसी नगरपालिका सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। भीड़भाड़ कम करने के लिए एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग सुविधा का भी निर्माण किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम करने के लिए स्वच्छ संचालन के लिए उचित ज़ोनिंग के साथ एक आधुनिक बूचड़खाना डिज़ाइन किया गया है

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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