गोविंद देवजी मंदिर में छाया बसंत पंचमी का उल्लास

गोविंद देवजी मंदिर में छाया बसंत पंचमी का उल्लासगोविंद देवजी मंदिर में छाया बसंत पंचमी का उल्लास

जयपुर, 2 फरवरी (हि.स.)। ठिकाना मंदिर गोविंददेव जी में बसंत पंचमी उत्सव मंदिर के पाटोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में कई धार्मिक आयोजन हुए। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि बसंत पंचमी की सुबह कीर्तनकारों और परिकर जनों ने मंगल गीत और बधाई गान के साथ दिन की शुरुआत की। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह 4 से 4:15 बजे तक मंगला झांकी हुई। इसके बाद 5 से 5:15 बजे तक ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक वेद मंत्रोच्चार के साथ किया गया। ठाकुर जी को मावा पेड़े का भोग अर्पित किया गया। अभिषेक झांकी के पश्चात ठाकुर श्रीजी को विशेष पीले वस्त्र और अलंकार पहनाए गए। धूप झांकी सुबह 8:30 से 9:45 बजे तक रही। धूप झांकी के दौरान अधिवास पूजन और आरती हुई, जिसमें ठाकुर श्रीजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाया गया। शृंगार झांकी सुबह 10:15 से 10:45 बजे तक रही। इसके बाद ठाकुर जी के समक्ष मां भगवती सरस्वती का पूजन किया गया। ठाकुर जी को पांच प्रकार के गुलाल और इत्र अर्पित किए गए।ठिकाना मंदिर गोविंददेव जी में बसंत पंचमी का दिन विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है। करीब 500 वर्ष पहले इसी दिन श्रील रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्रीजी के विग्रह को वृंदावन के गोमाटीला पर पुनः प्रकट किया था। माध्व गौड़ीय संप्रदाय के सर्वमान्य ग्रंथ *भक्ति रत्नाकर* के द्वितीय तरंग में उल्लेख है, *श्री गोविंद प्रगटे होइलो रूप द्वारे*, अर्थात श्री रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्री गोविंद देव जी को प्रकट किया। इस कारण माघ शुक्ला पंचमी के दिन ठाकुर जी का पाटोत्सव (पट्टाभिषेक) मनाया जाता है। गोविंद देवजी मंदिर में हर रविवार को सुबह 9 से 11 बजे तक होने वाला नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ इस बार मंदिर के बजाय ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित किया गया। यह आयोजन सुबह साढ़े आठ से दोपहर 12 बजे तक चला, जिसमें विद्यारंभ, यज्ञोपवीत और दीक्षा सहित अन्य संस्कार संपन्न हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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