देवी सरस्वती पूजन के साथ धूमधाम से मनाया गया कठुआ में बसंत पंचमी पर्व, बच्चों और युवाओं ने पतंगबाजी का लिया जमकर मजा

Basant Panchami festival was celebrated with great pomp in Kathua with the worship of Goddess Saraswati.


कठुआ 02 फरवरी । आई बसंत पाला उड़ंत यह कहावत आप ने अपने बड़े बुजुर्गों से अक्सर सुनी होगी, बसंत का महीना आते ही सर्दियंा जाने लगती है और यह कहावत सदियों से चली आ रही है। जिला कठुआ में बसंत पंचमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बसंत पंचमी पर्व पर यहंा बच्चे और युवाओं ने जमकर पतंगबाजी की, वहीं बड़े बुजुर्गों ने मंा सरस्वती की पूजा अर्चना की।

गौरतलब है कि बसंत पंचमी के दिन बसंत ऋतु का आगमन होता है, ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्व है, कड़कड़ाती ठंड के बाद प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। पलाश के लाल फूल, आम के पेड़ों पर आए बौर, हरियाली और गुलाबी ठंड मौसम को सुहाना बना देती है। यह ऋतु सेहत की दृष्टि से भी बहुत अच्छी मानी जाती है। मनुष्यों के साथ पशु-पक्षयिों में नई चेतना का संचार होता है। बसंत को प्रेम के देवता कामदेव का मित्र माना जाता है। इस ऋतु को काम बाण के लिए अनुकूल माना जाता है। वहीं हिंदू मान्यताओ के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए हिंदुओं की इस त्योहार में गहरी आस्था है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। पवित्र नदियों के तट और तीर्थ स्थानों पर बसंत मेला भी लगता है।

इस दिन बच्चे और युवा उल्लासपूर्ण पतंगबाजी करते हैं हर कोई बसंत पंचमी के रंग में रंगा नजर आया। कठुआ शहर में भी बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है। इस दिन बच्चे खूब पतंगबाजी करते हैं। प्रकृति में सरसों आदि के पीले रंग के खिले फूल सुंदरता और सुगंध बिखेरते हैं। इस दिन को ऋतु परिवर्तन के रूप से भी विशेष महत्व है। इसके बाद सर्दी कम होना शुरू हो जाती है शरीर में बल की वृद्धि और रक्त का शुद्धिकरण होने लगता है। आज आसमान में जहा देखो वहां पतंगे ही पतंगे नजर आ रही थी। वहीं सैंकड़ो कि तादाद में लोग अपनी घरो कि छतो पर चढ़ कर पतंगबाजी का मजा लेते नजर आए। बच्चों और युवाओं में इस दिन का उल्लास देखने लायक होता है। दिनभर पतंगबाजी के साथ बच्चों की किलकारियां गुंजती है। वातावरण में उल्लास भर देती है एक-दूसरे के पंतग को लूटने की होड़ बनी रहती है। वहीं पतंगे उड़ाकर बसंत पंचमी का मजा ले रहे बच्चों हिमांशु, उतीरन, नेमी, जयंत, सोनू, पंकज, राजू, वीवेक, अभिषेक आदि का कहना है कि आज बसंत के मौके पर हम पतंग उड़ा कर इस त्योहार का पूरा आनंद ले रहे हैं हम लोग सुबह से ही अपने घरों की छतो पर चढ़ कर पतंगे उड़ा रहे हैं और पूरा मजा ले रहे हैं।

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