छत्तीसगढ़ : बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जमकर हुआ मतदान, पंचायत चुनाव में मतदाताओं का दिखा जबरदस्त उत्साह

बस्तर तथा लोहडीगुड़ा में जनपद पंचायत में मतदान प्रतिशत

केशव केदारनाथ शर्मा

रायपुर, 20 फ़रवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में गुरुवार को नक्सली क्षेत्रों में जमकर मतदान हुआ। ग्रामीण मतदाताओं ने नक्सल खौफ और आंतक को दरकिनार करते हुए बड़ी संख्या में मतदान कर लोकतंत्र में अपनी आस्था और विश्वास को व्यक्त किया। पहले चरण के मतदान में इन इलाकों में मतदाताओं ने निडर

होकर मतदान किया था।

कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड में वटिनटोला गांव में मतदाताओं ने आजादी के बाद पहली बार अपने गांव में ही मतदान किया। इसके पहले ग्रामीण दूसरी ग्राम पंचायत में मतदान के लिए जाते थे। बस्तर संभाग में नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों प्रभावित सुबह 6.45 से दोपहर दो बजे तक और अन्य क्षेत्रों में सुबह सात बजे से तीन बजे तक मतदान हुआ है। दूसरे चरण में आज 43 विकासखंडों की पंचायतों के लिए मतदाताओं ने मतदान किया है।

निर्वाचन कार्यालय के अनुसार तीन बजे तक बस्तर जनपद में 47.4, लोहडीगुड़ा में जनपद पंचायत में 69.4 फीसदी इस तरह दोनों जनपद पंचायतों के कुल 140 ग्राम पंचायतों में औसत 54.5 फीसदी मतदान हुआ है जबकि मंगलवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में प्रथम चरण में बस्तर संभाग के बस्तर में 83.05 प्रतिशत, बीजापुर में

42.05 प्रतिशत, चित्रकोट में 75.21 प्रतिशत, दंतेवाड़ा में 67.06 प्रतिशत, जगदलपुर में 74.20 प्रतिशत, कोंडागांव में 75.86 प्रतिशत, सुकमा 54.31 प्रतिशत एवं नारायणपुर में 66.05 प्रतिशत मतदान हुआ था।

कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर और दुर्गूकोंदल विकासखंड, धमतरी जिले के कुरूद,जनपद पंचायत छिंदगढ़ (सुकमा) में जमकर मतदान हुआ है। वर्ष 2014 में वटिनटोला में ही मतदान केंद्र खोला गया था। नक्सली खौफ के चलते इसे अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता था। इसके कारण यहां के मतदान केंद्र को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाता रहा। आजादी के बाद इस साल पहली बार मतदान केंद्र को गांव में ही रखा गया, जिससे मतदान को लेकर यहां के ग्रामीणों में भारी उत्साह है। बुजुर्गों ने बताया कि पहले मतदान के लिए हमें कभी दुर्गूकोंदल कभी पाउरखेड़ा तो कभी कोदापाखा जैसे मतदान केंद्र तक पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। अब हमारे गांव में ही मतदान केंद्र होने से हमें बहुत बड़ी सुविधा मिल गई।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर और दुर्गूकोंदल विकासखंड में जमकर मतदान हुआ है है। बीजापुर के उसूर और भोपालपटनम जनपद पंचायत में वोटिंग के लिए सुबह से मतदान करने के लिए ग्रामीण मतदाताओं की भीड़ उमड़ी रही। ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग को लेकर भारी उत्साह‌ दिखा। उसूर के पामेड़, तर्रेम, ईलमिडी, उडतामल्ला, मुरकीनार में मतदाताओं की लंबी कतार दिखी। भोपालपटनम जनपद में तिमेड़, पामगल, मद्देड़, तारलागुडा, वरदली, बारेगुडा‌ सहित अधिकांश मतदान केंद्रों में सुबह से मतदान करने महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा देखी गई। दूसरे चरण में भोपालपटनम और उसूर जनपद में चार जिला पंचायत सदस्य, 20 जनपद सदस्य के लिए चुनाव हुए। जिस झीरम में वर्ष 2013 में एक बड़ी नक्सल घटना हुई थी, जिसमें कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस झीरम में भी ग्रामीण बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अब यहां बुलेट पर बैलेट भारी पड़ रहा है। यहां युवाओं से लेकर बूढ़ों तक सभी में काफी उत्साह देखा गया। कड़ी सुरक्षा के बीच नक्सल प्रभावित ग्रामीण दुर्गम रास्तों से उतरकर मतदान करने पहुंचे।

इसी तरह बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित सेंड्रा इलाके के ग्रामीण मतदाता मतदान करने एक दिन पहले ही 70 किमी का पैदल व मोटरसाइकिल से सफर तय कर अपने मत का प्रयोग करने ब्लॉक मुख्यालय भोपालपटनम में विस्थापित पोलिंग बूथों पर पहुंचकर मतदान किया। कई वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि नक्सल प्रभावित ग्राम केरपे, बड़ेकाकलेड, एडापल्ली, सेड्रा के चार पंचायतों में सरपंच पद के लिए 13 प्रत्याशी हैं। वहीं 22 पंच आवेदन भरकर चुनाव मैदान में खड़े हैं। इस इलाके में आचार संहिता के बीच 9 फरवरी को टेकमेट्टा कि पहाड़ियों में बड़ी मुठभेड़ हुई थी जिसमें जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। वहीं 2 जवान बलिदान हुए और 2 घायल हुए थे। इलाके में भी लोग निडर होकर अपने मत का प्रयोग करने के लिए बाहर निकल रहे हैं। संतोष ने बताया कि एक दिन पहले अपने परिवार के साथ मोटरसाइकिल से मतदान करने पहुंचे हैं। सेंड्रा से संतोष गुरला और उनकी पत्नी प्रियंका गुरला अपने दो बच्चों के साथ सुबह निकले। शाम होते-होते भोपालपटनम पहुंचे। वहीं रमेश गोटा, वेंकटेश तलाड़ी भी मोटरसाइकिल से आए। उनके पहचान वाले नाकापारा के पास बसा सेंड्रा बस्ती में रहते हैं। उनके यहां रह कर रात गुजारकर आज सुबह मतदान करने पोलिंग बूथ पहुंचे।

दंतेवाड़ा जिले में दूसरे चरण के लिए 20 फरवरी को नक्सल प्रभावित कटेकल्याण ब्लॉक में भी मतदान के प्रति लोगों में गजब की उत्साह देखने को मिला। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के दो मतदान केंद्रों को स्थानांतरित किया गया है, गीदम मतदान केंद्र को गुडसे में स्थानांतरित किया गया है. वहीं प्रतापगिरी मतदान केंद्र को जगमपाल में स्थानांतरित किया गया है।

कांकेर जिले में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में भानुप्रतापपुर और दुर्गुकोंडल ब्लॉक में मतदान मतदान को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा भानुप्रतापपुर में 127 और दुर्गुकोंडल में 88 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। मतदान को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा भानुप्रतापपुर में 127 और दुर्गुकोंडल में 88 मतदान केंद्र स्थापित किए गए, जहां बड़ी संख्या में मतदाताओं में अपने मताधिकार का प्रयाेग किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

   

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