अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना के कार्यशाला का हुआ शुभारंभ
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- Feb 11, 2025
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भागलपुर, 11 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नयी दिल्ली के तत्वावधान में मंगलवार से 12वीं अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना की कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। चार दिवसीय इस कार्यशाला का उद्घाटन आईसीएआर के उप महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय कुमार सिंह, बीएयू के कुलपति डॉ डी आर सिंह और अन्य अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति प्रो (डॉ) दुनिया राम सिंह ने किया।
देश भर के 19 राज्यों से 150 वरिष्ठ वैज्ञानिक इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हैं। बिहार में फलों की खेती, उत्पादन से जुड़े कृषकों के आर्थिक उन्नति में यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है।
बीएयू के पीआरओ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए पूर्व शोधों की समीक्षा के साथ-साथ नवीन तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत आम, लीची, अमरूद, केला, नींबू, कटहल, चीकू, अंगूर, पपीता और एवोकाडो जैसे प्रमुख फलों के उत्पादन और अनुसंधान पर विशेष चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में बिहार के प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे, जो अपनी उपलब्धियों को वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
बेगूसराय जिले के किसान अनिश कुमार अपने कुंभ नींबू की खेती में प्राप्त सफलता को साझा करेंगे। इस बार की कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य फलों के उत्पादन क्षेत्र का विस्तार करना है। लीची की खेती दक्षिण भारत के नीलगिरी क्षेत्र में शुरू होने के बाद अब वैज्ञानिक बिहार में भी एवोकाडो फल के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं।
बीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा बिहार में एवोकेडो के फल का उत्पादन करने का प्रयत्न है। बिहार के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कार्यशाला इस कार्यशाला से बिहार के फल उत्पादक किसानों को नई तकनीक और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी मिलेगी। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वैज्ञानिकों के सुझावों के आधार पर राज्य में फलों की खेती के विस्तार की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर