तार-तार हो चुका है नीतीश कुमार का सुशासन का नारा : मुकेश मुक्त

भागलपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। गरीबों को बेदखल करने वाली जमीन सर्वे, कम्पनी को मालामाल और जनता को

बेहाल कर रहे स्मार्ट मीटर, गरीबों – मजदूरों, दलितों – महिलाओं – अल्पसंख्यकों पर

जारी क्रूर सामंती हिंसा, बाढ़ आपदा को सरकारी खजाने की लूट का स्थाई अवसर बना दिए

जाने, न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा

में व्याप्त लूट-भ्रष्टाचार, भीषण महंगाई आदि के खिलाफ भागलपुर सहित राज्य भर में

जारी बदलो बिहार न्याय यात्रा बुधवार को स्थानीय तिलकामांझी चौक पहुंची। यात्रा

में शामिल भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने वहां शहीद तिलकामांझी की मूर्ति पर पुष्प

अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और मजदूरों के साथ संवाद किया।

यात्रा का नेतृत्व भाकपा माले के नगर

प्रभारी और ऐक्टू के राज्य

सचिव मुकेश मुक्त एवं नगर सचिव विष्णु

कुमार मंडल ने की। मुकेश मुक्त ने मजदूरों से संवाद करते हुए कहा कि गया जिला के

टेकारी में मजदूरी मांगने पर मजदूर संजय मांझी की बांह काट ली गई और खिजर सराय में

मजदूर सज्जन मांझी की हत्या कर दी गई। शेरघाटी में छोटी बच्ची से बलात्कार कर उसकी

हत्या कर दी गई। नवादा जिले में मांझी और

रविदास जाति के गरीबों के 32 घरों को जलाए जाने की भयावह घटना हुई है जो देश भर

में चर्चा का विषय बनी। फतेहपुर में नाबालिक के साथ बलात्कार, मोहनपुर में

बहू-बेटी पर बुरी नजर का विरोध करने पर राजकुमार मांझी की हत्या सहित अनेक घटनाएं

सामने आईं हैं। इस तरह कि सैकड़ों क्रूर हिंसा – अपराध की घटनाओं को सामंती ताकतों

द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।

जिसके निशाने पर राज्य की दलित – गरीब जनता है। किंतु सुशासन और न्याय का दंभ भरने वाले हमारे मुख्यमंत्री नीतीश

कुमार भाजपा की गोद में दुबके पड़े है। नीतीश जी का सुशासन का नारा तार - तार हो

चुका है।

उन्होंने कहा कि जमीन सर्वे से पूरे बिहार में अफरा - तफरी मची हुई है। आम नागरिक कागज जुटाने या दुरुस्त करवाने

में चरम भ्रष्टाचार और लूट का शिकार हो

रहे हैं। भूमि विवाद को समाप्त करने के बड़े दावे के साथ हो रहा जमीन सर्वे बिहार

में नया भूमि संकट लेकर आया है। स्मार्ट मीटर ने बिहार में कोहराम मचा रखा है।

सरकार की मदद से बिजली कम्पनी स्मार्ट मीटर के जरिए मालामाल हो रही है और जनता

बेहाल है। न्याय के साथ विकास वाली डबल इंजन की सरकार के करीब दो दशकों के शासन के

बाद भी बिहार के एक तिहाई परिवार - करीब साढ़े चौरानवे लाख परिवार 200 रुपए की

दैनिक पारिवारिक आमदनी पर गुजर - बसर करने को मजबूर हैं। मोदी जी द्वारा शुरू की गई जुमलेबाजी की राह पर बिहार की भाजपा -

जदयू की सरकार भी चल पड़ी है। बाढ़ आपदा को अवैध कमाई के स्थाई अवसर की तरह

इस्तेमाल किया जा रहा है। बाढ़ के स्थाई समाधान से सरकार को कोई मतलब नहीं है।

बदलो बिहार न्याय यात्रा में भाकपा माले

के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य

सचिव मुकेश मुक्त, भाकपा माले के नगर सचिव विष्णु कुमार मंडल, जिला कमिटी सदस्य

सिकन्दर तांती सहित राज्य भर के हजारों लोग शामिल होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

   

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