भारतीय शिक्षण मंडल के शोधार्थी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे मोहन भागवत
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- Nov 13, 2024
नई दिल्ली, 13 नवंबर (हि.स.)। भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम “विजन फॉर विकसित भारत (विविभा :2024) - अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन” का आयोजन 15 से 17 नवंबर तक एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम (हरियाणा) में किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों के साथ समन्वित करते हुए युवाओं में शोधवृत्ति विकसित करना है।
सम्मलेन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत करेंगे। उद्घाटन सत्र में इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ तथा नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी भी उपस्थित रहेंगे।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान भारतीय शिक्षण मंडल के पदाधिकारियों ने इस सम्मलेन से जुड़ी जानकारी दी, जिनमें भारतीय शिक्षण मंडल के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी, मंडल के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख संजय पाठक, युवा आयाम के संयोजक डॉ अमित रावत तथा युवा आयाम में सह संयोजक जसपाल कौर प्रमुख थे।
उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय शोधार्थी सम्मेलन में युवा शोधार्थियों के मार्गदर्शन हेतु 6 प्लेनरी व 11 समानांतर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इस सम्मेलन में युवा शोधार्थियों को विभिन्न विषयों के विषय-विशेषज्ञों के साथ ही देश के प्रख्यात वक्ताओं का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
कुछ प्रमुख वक्ताओं में देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, योगगुरु स्वामी रामदेव, एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, पूज्य संजीव कृष्ण ठाकुर, आरएसएस के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य और इंद्रेश कुमार तथा यूजीसी सचिव प्रो. मनीष जोशी सहित अन्य सम्माननीय विभूतियाँ सम्मिलित हैं।
इस शोधार्थी सम्मेलन में देश के अनेक राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, आईआईएसएआर के निदेशक तथा अनेक केंद्रीय विश्वविद्यालयों व राज्य-स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं को आमंत्रित किया गया है।
इस सम्मेलन में भारतीय ज्ञान परम्परा व शोध से बोध की थीम पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। यह प्रदर्शनी प्राचीन ऋषि कणाद से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक कलाम द्वारा भारतीय ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित की गई उपलब्धियों को दर्शाएगी तथा शिक्षा के भविष्य का एक दृष्टिकोण प्रदान करेगी।
इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवा विद्यार्थी व शोधार्थी समय की इस यात्रा में पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों, महत्वपूर्ण सुधारों, और तकनीकी प्रगति का अनुभव करेंगे।
इस आयोजन के माध्यम से उत्कृष्ट शोधार्थियों को प्रतिष्ठित शोध संस्थानों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने शोध कार्य को पूर्णता प्रदान कर श्रेष्ठ एवं उन्नत भारत अभियान को गति दे सकेंगे। भारतीय ज्ञान संपदा और भारत-केंद्रित शोध कार्य से शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा और युवाओं में अध्ययनशीलता, लेखन क्षमता तथा शोधवृत्ति का विकास होगा। उन्नत भारत के लिए ग्रामीण विकास एवं भारतीय ज्ञान संपदा के संरक्षण और संवर्धन पर शोध हेतु युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
भारतीय शिक्षण मंडल के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका का प्रकाशन किए जाने की योजना है, जो देश हित में किए गए शोध कार्यों को वैश्विक मंच प्रदान करेगा। इस अखिल भारतीय शोधार्थी सम्मेलन से नीति निर्माण में योगदान देने वाले युवाओं का एक समूह तैयार होगा, जो ज्ञान-विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नवाचार और शोध को प्रोत्साहित कर विकसित भारत की दिशा में नए आयाम स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा