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नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। लोकसभा ने सोमवार को ‘बिल ऑफ लैडिंग’ विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसका उद्देश्य बिल ऑफ लैडिंग या लदान पत्र जारी करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करना है।
‘लैडिंग बिल’ मालवाहक की ओर से शिपर (माल भेजने वाले) को जारी किया जाता है। इसमें ले जाए जा रहे माल के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य जैसे विवरण शामिल होते हैं। विधेयक कानून बनने पर ब्रिटिश काल में बने भारतीय लैंडिंग अधिनियम, 1856 को प्रतिस्थापित करेगा।
विधेयक पर दिनभर चली चर्चा का जवाब देते हुए बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि लदान पत्र एक अनुबंध का साक्ष्य है और एक कानूनी दस्तावेज है। यह वास्तव में कोई अनुबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विकास के विजन के साथ जनता मिलकर काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने नेतृत्व में आज सरकार स्वतंत्र भारत की कानून व्यवस्था लागू कर रही। विधेयक 160 साल पुराने कानून का स्थान लेगा।
उन्होंने कहा कि इसे मालवाहक और माल भेजने वालों के साथ व्यापक चर्चा और कानून के जानकारों से विमर्श के बाद लाया गया है। इसका उद्देश्य कार्यपद्धति का सरलीकरण करना है। साथ ही ऐसा कानून बनाना है जो हितधारकों को आसानी से समझ आए। यह एक महत्वपूर्ण रिफॉर्म बिजनेस करना आसान बनायेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार