हिसार : शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य ही जीवन की प्रगति का आधार : डॉ. वंदना बिश्नोई

महिला छात्रावास में स्वास्थ्य चेकअप कैंप में डाक्टरों तथा छात्राओं के साथ विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई।

गुजवि में हुआ ‘मासिक धर्म स्वास्थ्य एवं स्तन स्व-परीक्षण’ विषय पर एक स्वास्थ्य

जागरूकता कार्यक्रम

हिसार, 20 नवंबर (हि.स.)। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई ने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, दोनों ही

जीवन की प्रगति का आधार हैं। प्रत्येक युवती को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना

चाहिए। डाॅ. वंदना बिश्नोई गुरुवार काे विश्वविद्यालय के छात्रावास प्राधिकरण एवं आधार स्वास्थ्य

संस्था के सौजन्य से ‘मासिक धर्म स्वास्थ्य एवं स्तन स्व-परीक्षण’ विषय पर एक स्वास्थ्य

जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर

पर अपना संबोधन दे रही थी।

डा. वंदना बिश्नोई ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं

को समय रहते जानना आवश्यक है। समय पर बीमारी जानकारी मिलने पर इलाज आसान हो जाता है।

उन्होंने कहा कि गुजविप्रौवि में लगातार स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता व जांच शिविरों

को आयोजन किया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों को लाभ हो रहा

है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. अनीता पूनिया ने छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान

होने वाले सामान्य शारीरिक परिवर्तनों, उनसे जुड़े भ्रांतियों तथा सही देखभाल के तरीकों

पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने मासिक धर्म के समय व्यक्तिगत स्वच्छता, स्वच्छ

साधनों का उपयोग, संक्रमण से बचाव, पौष्टिक भोजन, आयरन-युक्त आहार तथा जल सेवन के महत्व

पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए बताया

कि मासिक धर्म के समय मूड परिवर्तन, थकान, चिड़चिड़ापन या हल्की पीड़ा शरीर की प्राकृतिक

प्रक्रिया का हिस्सा हैं, परंतु अत्यधिक कष्ट की स्थिति में चिकित्सकीय सलाह आवश्यक

है।

स्तन स्व-परीक्षण के संदर्भ में उन्होंने छात्राओं को चरणबद्ध तरीके से इसकी

प्रक्रिया समझाई- जैसे दर्पण के सामने निरीक्षण, उंगलियों की सहायता से स्तन ऊतकों

की जांच, किसी कठोर गांठ, असामान्य सूजन, खिंचाव, दर्द या स्त्राव की पहचान आदि। उन्होंने

बताया कि नियमित स्व-परीक्षण स्तन रोगों की प्रारम्भिक पहचान में अत्यंत सहायक होता

है और इससे गंभीर जोखिमों को समय रहते रोका जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य वार्डन, प्रोफेसर सुजाता सांघी ने की। उन्होंने

कहा कि युवतियां अक्सर संकोचवश स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं साझा नहीं करतीं, जबकि समय

पर जानकारी और जागरूकता से वे कई कठिनाइयों से बच सकती हैं। कार्यक्रम की संयोजक डॉ.

अंजू गुप्ता, रही।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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