धर्म व राष्ट्र की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों जरूरी : विनोद रणसिंह

पुलिस लाईन धमतरी में शस्त्रों की पूजा-अर्चना करते हुए पुलिस अधिकारी।

धमतरी, 12 अक्टूबर (हि.स.)। दशहरा पर्व के अवसर पर शिवाजी प्रभात शाखा में विजयादशमी पर्व मनाया गया। विजयादशमी महोत्सव के अवसर पर शस्त्र पूजन किया गया। शिवाजी प्रभात शाखा में शनिवार सुबह 6.30 बजे संघ के स्वयंसेवक संपत हुए। ध्वज प्रणाम के बाद एकल गीत, सामूहिक गीत अमृत वचन पश्चात अतिथियों के द्वारा दीप जलाकर भारत माता और संघ के संस्थापक डा केशव बलिराम हेडगेवार, गुरुजी की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात शौर्य के प्रतीक शस्त्र की पूजा की गई।

विजयादशमी महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर संघ चालक रामलखन गजेंद्र थे। जबकि मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ स्वयंसेवक विनोद राव रणसिंह उपस्थित थे। मुख्य वक्ता रणसिंह ने शस्त्र पूजन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि राजा महाराज जब युद्ध में जाते थे, उससे पहले शास्त्रों की अच्छे से रख-रखाव कर के उसकी पूजा की जाती थी। अब तीर तलवार का समय नहीं है। अब का समय धीरे-धीरे बदल रहा है। आज शिक्षा की जरूरत है। अब समाज को शिक्षित करके समाज और राष्ट्र को आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि समाज कमजोर होगा, तो उसे लोग दबाने की कोशिश करेंगे। इसलिए हिंदू समाज को संगठित होकर रहने और आगे बढ़ाने की जरूरत है। यदि कोई हिंदू समाज को दबाने की कोशिश करता है, तो उसका प्रतिकार करने जरूरत है। धर्म और समाज की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों की आवश्यकता है। इसका मतलब शस्त्र स्वयं की रक्षा के लिए और शास्त्र (शिक्षा) समाज के उत्थान के लिए अति आवश्यक है। उद्बोधन पश्चात अंत में संघ की प्राथना की गई। इस अवसर पर वरिष्ठ स्वयंसेवक लक्ष्मणराव मगर, राघव राव रणसिंह, राजू सोनकर, कैलाश राव भोसले, धनेश्वर यादव, राजकुमार पटेल, गंगाप्रसाद सिन्हा, गणेश विश्वकर्मा, विजय साहू, नितेश कुंभकार, योगेश साहू, मानव यादव, नगर प्रचार प्रमुख उमेश सिंह बशिस्ट, लक्ष्य पटेल, अयान्श सिंह आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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