झज्जर: सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी व सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला में हुआ विचार-मंथन

झज्जर, 28 जनवरी (हि.स.)। सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लघु सचिवालय स्थित परिसर में मंगलवार काे कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला में शिरकत की। डीसीपी दीपक सहारण और एडीसी सलोनी शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल संचालकों और स्कूलों के ट्रैफिक इंचार्ज में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी एवं सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना रहा।

डीसी प्रदीप दहिया ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा बेहद संवेदनशील विषय है, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है। सभी स्कूल प्रबंधक व ट्रैफिक प्रभारी सुनिश्चित करें कि स्कूल वाहन एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के तहत सुरक्षा मानकों की नियमानुसार जांच करें। डीसी ने स्कूल बच्चों के परिवहन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने बस ड्राइवरों, कंडक्टरों और परिचालकों के व्यवहार के संबंध में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से समय-समय पर फीडबैक प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के विषय पर जिला प्रशासन बेहद गंभीरता से कार्य कर रहा है। बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की सख्ती से पालन बेहद जरूरी है। ऐसी वर्कशॉप नियमित अंतराल पर आयोजित होंगी व स्कूल वाहनों में बच्चों का सुरक्षित सफर सुनिश्चित किया जाएगा। डीसीपी दीपक सहारण ने कहा कि स्कूल संचालकों को स्कूली वाहनों की सुरक्षा के प्रति अति संवेदनशील रहना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही किसी भी हादसे का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि स्कूल वाहनों की सुरक्षा को लेकर कार्यशाला का आयोजन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जागरूकता बढ़ती है। कार्यशाला में एडीसी सलोनी शर्मा, एसडीएम एवं आरटीए रविंद्र यादव, एसडीएम बहादुरगढ़ नसीब कुमार, एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम बेरी रविंद्र मलिक ने भी सड़क सुरक्षा को लेकर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। कार्यशाला में रोड सेफ्टी ऑफिसर केशिका, नवदीप व गिरीश द्वारा पीपीटी प्रस्तुत की गई, जिसमें सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया। प्रस्तुतियों में सड़क पर सुरक्षित वाहन संचालन, स्कूल वाहनों की फिटनेस, ड्राइवर के पुलिस सत्यापन, और स्पीड गवर्नर व जीपीएस जैसी जरूरी तकनीकी सुविधाओं के महत्व पर चर्चा की गई। रोड सेफ्टी ऑफिसरों ने बताया कि स्कूल वाहनों में फायर एक्सटिंग्विशर, सीसीटीवी कैमरे और आपातकालीन संपर्क नंबर अनिवार्य रूप से मौजूद होने चाहिए।

   

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