बजट सत्र : विधान सभा में हिन्दी के साथ ब्रज, भोजपुरी, अवधी और बुंदेली भी गूंजेगी

-विधान सभा में लागू नयी व्यवस्था का नेता प्रतिपक्ष ने किया विरोध

लखनऊ, 19 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा बजट सत्र के दौरान बुधवार को विधान सभा में नियम समित का प्रतिवेदन पेश कर हिन्दी के साथ ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेली और अंग्रेजी भाषा की व्यवस्था दी गयी है। हालांकि सभा का कार्य हिन्दी और देवनागरी लिपि में होगा। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में गठित नियम समिति के एक सदस्य श्रीकांत शर्मा ने यह प्रतिवेदन विधान सभा के पटल रखा।

सदन पर प्रतिवेदन-एक रखते हुए श्रीकांत शर्मा ने ब्रज बोली में अपनी बात रखी। उन्होंने इस व्यवस्था के लिए विधान सभा अध्यक्ष की भूरि-भूरि प्रशंसा की। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस व्यवस्था का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सर्वदलीय बैठक के दौरान केवल अंग्रेजी ही नहीं, बल्कि सभी स्थानीय भाषा-बोलियों का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अन्य भाषा के आने से हिन्दी कमजोर होगी। अध्यक्ष की ओर मुखातिब खन्ना ने कहा कि आपकी इस व्यवस्था का मैं स्वागत करता हूं। इसके साथ ही विधायक केतकी सिंह ने भोजपुरी में और मनोज पांडेय ने अवधी में बोलते हुए विधान सभा के इस कदम का स्वागत किया।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि आज विधान सभा में भाषा का संशोधन किया जा रहा है। हम स्थानीय बोली-भाषा का विरोध नहीं करते। हमारा विरोध अंग्रेजी से है।

अंत में विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने प्रतिवेदन का हवाला देते हुए कहा कि सभा का कार्य हिन्दी भाषा और देवनागरी लिपि में होगा। विधान सभा के सदस्य अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली एवं अंग्रेजी में भी अपना संबोधन कर सकते हैं। उक्त सभी भाषाओं(बोलियों) के भाषान्तरण की सुविधा सदन में उपलब्ध होगी। मसलन लोग अपनी बोली में बोलने के साथ भाषण सुन भी सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

   

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