भरतपुर, 13 नवंबर (हि.स.)। ब्रज संवादोत्सव का दूसरा संस्करण भरतपुर में सम्पन्न हुआ। दो दिवसीय उत्सव में साहित्य के साथ समसामयिक विषयों पर भी मंथन हुआ। फेक नैरेटिव, डीप स्टेट और वोकिज्म के जरिए भारत के स्व को समाप्त करने के लिए हो रहे षड़यंत्र पर वक्ताओं ने प्रमाण के साथ अपनी बातें रखीं।
‘फेक नरेटिव' पर चर्चा करते हुए सोशल मीडिया एक्सपर्ट अंशुल सक्सेना ने बताया कि किस तरह सोशल मीडिया पर अलग-अलग जगह के वीडियो को भारत के वीडियो बताकर एंटी इंडिया कैंपेन चलाये जाते हैं। किस तरह चाइनीज मीडिया बॉर्डर डिस्प्यूटस के समय पर झूठा प्रोपेगेंडा चलाता है, कश्मीर से धारा 370 हटाने पर झूठा नरेटिव, क्रिकेटर अर्शदीप सिंह के विकिपीडिया प्रोफाइल को पाकिस्तान के किसी व्यक्ति द्वारा एडिट करके उन्हें खालिस्तान सपोर्टर बताया दिया गया। फाइवर वेबसाइट से फ्रीलांसर विदेशी एंकर्स को पैसा देकर उनसे एन्टी इंडिया वीडियो बनवाई जाती है और वायरल की जाती है।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश राजपुरोहित ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से आज फेक नरेटिव फैलाना बहुत आसान हो गया है। कुछ लॉन्ग टर्म झूठे नरेटिव जैसे दलित, आदिवासी, जाति के नाम पर कई भेदभाव के व झूठे विमर्श गढ़े जा रहे हैं, जबकि वास्तव में ऐसा कोई भेदभाव नहीं होता। टूलकिट के माध्यम से सोशल मीडिया पर नरेटिव फैलाया जाता है।
डीप स्टेट, वोकिज्म, सांस्कृतिक मार्क्सवाद में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पूर्व अध्यक्ष व लेखिका रश्मि सामंथ ने वार्ताकार अमित झालानी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि डीप स्टेट अच्छे शब्दों का बुरे कार्यों में प्रयोग कर भारत विरोधी नैरेटिव गढ़ाता है। आरक्षण हटाने, संविधान बदलने जैसी झूठी बातें यूनाइटेड स्टेट से लेकर बांग्लादेश और भारत तक के चुनावों में एक ही पैटर्न पर जानबूझकर फैलाई जाती हैं। फेक नैरेटिव से लोकतांत्रिक सरकारों के तख्ते पलटता है डीप स्टेट। हमारी विविधता समरसता के विरूद्ध कभी नहीं थी और ना है। इसे जानबूझकर विभाजन का आधार बनाया जाता है। डीप स्टेट की बात करते हुए यूथ थिंकर अंशुल सक्सेना ने बताया कि डीप स्टेट ईरान, ईराक जैसे देशों में युद्ध को प्रमोट करते हुए वेपन इंडस्ट्री चलाता है। लोगों के दिमाग़ में मनोवैज्ञानिक कॉन्सेप्ट्स बनाना इसका काम है। बांग्लादेश में बहुमत से जीतकर आई शेख हसीना का डीप स्टेट के माध्यम से तख्ता पलट करवा दिया गया और इसी प्रकार की कोशिश चुनाव के समय में भारत में भी हुईं।
रश्मि सामंथ ने बताया कि डीप स्टेट जैसे नैरेटिव नाम व रूप बदल बदल कर भारत के साथ शुरू से चले आए है। आठवीं शताब्दी में भारत सबसे सभ्य, शक्तिशाली व शिक्षित था। जब दौ सो तीन सौ वर्षों के लगातार आक्रमण के बाद भी वे बल के आधार पर भारत को नहीं हरा पाए तो नैरेटिव चलाए गए। ब्लैक लाइवस मैटर, मी टू मूवमेंट जैसे आंदोलन जो भारत की समस्याएं है ही नहीं। उन्हें एजेंडो के तहत भारत में इम्पोर्ट किया जाता है और भारत के बड़े बड़े सेलिब्रेटीज इस तरह के मूवमेंट का सपोर्ट करते है। अंशुल सक्सेना ने कहा कि कल्चरल मार्क्सवाद ने शिक्षणिक संस्थाओ, नौकरशाही, मीडिया जैसे के माध्यम से भारत की संस्कृति पर वार किया गया। डीप स्टेट, कल्चरल मार्क्सवाद और वोकिज्म के माध्यम से भारत के स्व को खतम करने की सुनियोजित कोशिशें की जा रही है और यही खेल पूरी दुनिया में चल रहा है। सत्र के अंत में श्रोताओं के प्रश्न का वक्ताओं ने उत्तर दिया।
पत्रकार जितेश जेठानंदानी ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी पर भी अंधा विश्वास करने से बचें। पहले खुद फैक्ट जांचें और फिर ही अपना विचार बनाये। आज के समय में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग भी बढ़ी है जो अच्छी बात है। अब हर व्यक्ति कमेंट करने से पहले कई बार सोचता है।
कार्यक्रम का आरंभ चर्चित उपन्यासकार तथा भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी मुरारी गुप्ता के बहुचर्चित उपन्यास सुगंधा- एक सिने सुंदरी की त्रासद कथा से हुई। साहित्य समालोचक विक्रांत सिंह ने उपन्यास की भूमिका पर चर्चा की। मुरारी गुप्ता ने उपन्यास की यात्रा पर बात करते हुआ कहा कि उपन्यास की कहानी सिनेमाई दुनिया के कई वास्तविक पात्रों के चरित्र का बिंब है।
ब्रज संवादोत्सव के बुक फेयर में 5000 से अधिक पुस्तकों का संग्रहण है। पुस्तक मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उन्होंने बुक फेयर का अवलोकन किया और पसंदीदा विषयों की पुस्तकें खरीदीं। इसमें धार्मिक, सामाजिक, मोटिवेशनल व विभिन्न विषयों की पुस्तकें भी उपलब्ध थीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित