भारत-बांग्लादेश सीमा पर भाई-बहन का अंतिम मिलन, बीएसएफ ने दिखाई मानवता
- Admin Admin
- Jan 03, 2025
कोलकाता, 03 जनवरी (हि. स.)। भारत-बांग्लादेश सीमा पर भावनाओं से भरा एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक महिला को अपने दिवंगत भाई के अंतिम दर्शन करने का अवसर प्रदान किया। यह घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के मुस्तफापुर बॉर्डर पोस्ट (बीओपी) की है, जहां बीएसएफ की 67वीं बटालियन तैनात है।
गांव गंगुलिया के पंचायत सदस्य ने बीएसएफ अधिकारियों को सूचना दी कि अब्दुल खालिद मंडल नामक व्यक्ति का निधन हो गया है। वह गंगुलिया गांव का निवासी था, जबकि उसकी बहन शादी के बाद बांग्लादेश के सरदार बारीपोता गांव में बस गई थी। पंचायत सदस्य ने आग्रह किया कि दिवंगत मंडल की बहन अपने भाई को अंतिम बार देखना चाहती है।
भावनात्मक अपील को समझते हुए, बीएसएफ के कंपनी कमांडर ने तुरंत बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अपने समकक्ष से संपर्क किया और परिवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा की जीरो लाइन तक लाने की व्यवस्था की। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, मंडल का पार्थिव शरीर बीएसएफ की निगरानी में गंगुलिया से जीरो लाइन तक लाया गया। बीजीबी के जवानों की सुरक्षा में मंडल की बहन और उसके परिवार को सीमा तक लाया गया, जहां भाई-बहन की अंतिम मुलाकात हुई।
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भावनाओं से भरा अंतिम मिलन
इस अंतिम मुलाकात का दृश्य बेहद मार्मिक था, जिसने यह दर्शाया कि सीमाएं बंटवारे का कारण भले ही बनती हैं, लेकिन रिश्तों की डोर को पूरी तरह नहीं तोड़ सकतीं। मंडल की बहन कभी भारत में ही रहती थी, लेकिन विवाह के बाद बांग्लादेश चली गई थी।
संक्षिप्त मुलाकात के बाद मंडल के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए गंगुलिया वापस ले जाया गया। परिवार ने इस मानवीय पहल के लिए बीएसएफ और बीजीबी का आभार व्यक्त किया। बीएसएफ के डीआईजी और दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता एन.के. पांडेय ने कहा कि बीएसएफ सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं करता, बल्कि वहां रहने वाले लोगों की सामाजिक आवश्यकताओं का भी ध्यान रखता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर