केजरीवाल के काले कारनामों को उजागर करती है कैग रिपोर्टः वीरेंद्र सचदेवा 

नई दिल्ली, 6 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आआपा) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के अपने आधिकारिक आवास शीशमहल पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सचदेवा ने आरोप लगाया कि 2022 तक नवीनीकरण पर 33.66 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है, लेकिन आज तक कुल व्यय के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पत्रकार वार्ता में केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के साथ मिलीभगत करके बंगले के नवीनीकरण के लिए संदिग्ध तरीके से काम किए।

उन्होंने कहा कि 2022 तक सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि 33.71 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

सचदेवा ने कहा, 2020 में कोविड महामारी के दौरान, जब लोग बंद थे, और लोग थे ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रहे, उस दौरान अरविंद केजरीवाल 'शीशमहल' का एस्टीमेट बना रहे थे। वर्ष 2023-24 की इन्वेंटरी के मुताबिक उनके सरकारी आवास में जो करोड़ों का सामान मिला, वो पीडब्ल्यूडी ने नहीं दिया। निर्माण के अलावा सौंदर्यीकरण के लिए 75-80 करोड़ रुपये खर्च किए गए। जो सामान पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह सामान कहां से आया, वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।

उन्होंने आगे बताया कि कैग ने इस परियोजना के बारे में 139 प्रश्न उठाए हैं, जिनमें दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) और दिल्ली नगर निगम से अनुमति न लेना भी शामिल है।

भाजपा नेता ने केजरीवाल के खर्चों को भ्रष्टाचार और पाखंड का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, पीडब्ल्यूडी ने केजरीवाल की मांगों के आगे घुटने टेक दिए। अधिकारियों को इन अनियमितताओं से लाभ उठाने की अनुमति दी गई और इस प्रक्रिया में दिल्ली को लूटा गया। पीडब्ल्यूडी ने एक निजी संस्थान की तरह काम किया।

सचदेवा ने खर्चों को भ्रष्टाचार और पाखंड का प्रतीक बताया।

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की पूरी सीमा को उजागर करने के लिए पीडब्ल्यूडी सहित कई सरकारी विभागों के खातों की जांच की मांग की।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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