मुख्यमंत्री ने 6,938 ग्रामीण पथों के सुद्दढ़ीकरण एवं प्रबंधन का किया कार्यारम्भ, 8,716 करोड़ रुपये होंगे खर्च

पटना, 12 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ग्रामीण सड़क सुद्दढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 8,716 करोड़ रूपये की लागत से 6,938 पथों (लंबाई 12,105 किलोमीटर) का रिमोट के माध्यम से कार्यारंभ किया।

कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्रामीण कार्य विभाग अन्तर्गत कार्यान्वित योजनाओं की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि ग्रामीण पथों के सुद्दढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्य का आरंभ करने के लिये ग्रामीण कार्य विभाग बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण पथों के सुदृढ़ीकरण को और गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण पथों की मरम्मति एवं रखरखाव जरूरी है। जिन ग्रामीण पथों को मरम्मत करने की जरूरत है, उसे बरसात से पहले ठीक करायें। सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीणों को हमेशा मजबूत, सुरक्षित और आरामदायक सड़क की सुविधा मिलती रहे। ग्रामीण पथों के निर्माण से न केवल गांवों और शहरों के बीच की दूरी कम हो रही है, बल्कि राज्य की सामाजिक संरचना को नया आयाम और आर्थिक गतिविधियों को नई गति भी मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार ग्रामीण पथों का निर्माण और चौड़ीकरण कार्य प्रारंभ करायें। नये ग्रामीण पथों के निर्माण से राज्य के किसी भी सुदूरवर्ती क्षेत्र से भविष्य में मात्र 4 घंटे में राजधानी पटना तक की सुगम और निर्बाध यात्रा पूरी करने के सरकार के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा। कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2024-25 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत पंचवर्षीय मेटेंनेस अवधि से बाहर हुए कुल 14,087 पथों (लंबाई 24,482 किलोमीटर) के सुदृढ़ीकरण के लिए 21,733 करोड़ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत उन सभी ग्रामीण पथों को आगामी 7 वर्षों तक मानक के अनुरूप सेवा स्तर पर बनाए रखने की व्यवस्था की गई है, जो अपनी पंचवर्षीय अनुरक्षण / त्रुटि निवारण अवधि पूर्ण कर चुके हैं। इस अवधि के भीतर इन पथों पर 2 बार कालीकरण (री-सफैंसिंग) कार्य कराया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के दौरान यदि सड़क में कोई तकनीकी त्रुटि पाई जाती है तो उसका समाधान तय समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

   

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