भाकपा (माले) ने ग्रामीण विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना देने पर गिरफ्तारी की निंदा की

लखनऊ, 28 दिसंबर (हि.स.)। भाकपा (माले) ने महाराजगंज जिले में निचलौल तहसील के सोनबरसा गांव में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्राम सचिवालय पर 25 दिसंबर से शांतिपूर्ण धरना दे रहे ग्रामीण गरीबों और पार्टी नेता संजय निषाद (जिला सचिव) को 27 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कड़ी निंदा की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि जीरो टॉलरेंस का माला जपने वाली सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना भी पसंद नहीं है। महाराजगंज में ग्रामीण विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे। इससे पहले उन्होंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत भ्रष्टाचार की लिखित व प्रामाणिक सूचना प्राप्त की। वे खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को कार्यक्रम की सूचना देकर बैठे। धरने की तीसरे दिन कोठीभर थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस शुक्रवार को धरना स्थल पहुंची और संजय निषाद सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

राज्य सचिव ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से ग्रामीणों, क्षेत्र में न्याय पसंद लोगों और जनता में आक्रोश व्याप्त है। सरकार गरीबों का दमन कर रही है। सोनबरसा के ग्रामीण सचिवालय पर धरना अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के 20-26 दिसंबर तक चलने वाले अभियान के प्रदेशव्यापी आह्वान के तहत शुरू हुआ था। कहा कि निरंकुश सरकार में ग्रामीणों को धरना देने के अपराध में भी जेल भेजा जा रहा है। यह लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने नेतृत्वकर्ता साथियों की गिरफ्तारी के बाद भी धरना जारी रखने पर ग्रामीणों को बधाई दी। साथ ही, जेल भेजे गए साथियों की बिना शर्त अविलंब रिहाई और धरने द्वारा उठाये गए मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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