सीआरपीएफ का दीक्षांत समारोह : 478 नवारक्षकों ने ली देश सेवा की शपथ

जोधपुर, 16 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जोधपुर द्वारा शनिवार को सुबह पालड़ी खिंचियान स्थित नवारक्षी प्रशिक्षण केंद्र के परेड ग्राउंड में बुनियादी प्रशिक्षण क्रम सख्या-18 बी बैच के कुल 478 नवारक्षकों का दीक्षांत और पासिंग आउट परेड समारोह आयोजित किया गया। समारोह में 478 नवारक्षकों ने देश सेवा की शपथ ली। अब ये जवान देश की अलग-अलग सीमाओं पर तैनात होकर देश की रक्षा करेंगे।

प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य व पुलिस उप महानिरीक्षक अशोक स्वामी ने बताया कि 18 बी बैच के कुल 478 नवारक्षियों का 44 सप्ताह का सघन बुनियादी प्रशिक्षण समाप्त होने पर आज दीक्षांत परेड समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल राजस्थान सेक्टर मुख्यालय जयपुर की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. अर्चना शिवहरे थी। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

साथ ही प्रशिक्षण काल में सर्वश्रेष्ठ रहे नव आरक्षकों को पुरस्कृत किया। उन्होंने सभी नए रिक्रूटों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और देश सेवा की शपथ दिलाई। उन्होंने अपने सम्बोधन में पास आउट हुए सभी नवारक्षियों व उनके परिवारजनों को इस अवसर पर हार्दिक बधाई दी एवं नवारक्षियों से कहा कि आज आप एक मजबूत कड़ी के रूप में इस गौरवशाली बल का हिस्सा बनने जा रहे है। इस गौरवशाली बल में अनुशासन का बहुत महत्व है एवं बुनियादी प्रशिक्षण का मकसद आपके पूरे जीवन को अनुशासन में ढालना, शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बनाना है। कठोर अनुशासन से आप में सहनशीलता, निर्णायक युद्ध क्षमता, राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रप्रेम, नागरिकों की सुरक्षा व सेवा भाव का संचार होता है।

कार्यक्रम में जवानों ने तिरंगे और सीआरपीएफ के झंडे के साथ मार्च पास्ट किया। इस मौके पर नव आरक्षियों ने रणकौशल का प्रदर्शन भी किया। इस दौरान कई अधिकारी, कर्मचारी और नव आरक्षकों के परिजन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

44 सप्ताह का दिया बुनियादी प्रशिक्षण

दीक्षांत परेड समारोह में पास आउट होने वाले सभी 478 नवारक्षी भारत के विभिन्न राज्यों से है। इनके 44 सप्ताह का बुनियादी प्रशिक्षण का शुभारम्भ पिछले साल 16 अक्टूबर को किया गया था। प्रशिक्षण के दौरान इन्हें आधुनिक हथियारों के संचालन, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही उन्होंने कड़ी मेहनत, अनुशासन, युद्ध अवरोध, हथियार और बिना हथियार के लड़ाई, सहन शक्ति, मानवाधिकार, भीड़ एवं दंगा नियंत्रण आदि का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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