महिला किसी की ज़ेरॉक्स कॉपी नहीं, बल्कि एक अनमोल ओरिजिनल हैं- मुदिता भार्गव

महिला किसी की ज़ेरॉक्स कॉपी नहीं, बल्कि एक अनमोल ओरिजिनल हैं-  मुदिता भार्गव

अजमेर, 8 मार्च(हि.स)। बड़े सपने देखे, संघर्ष आएंगे, लेकिन उनका सामना हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ करें। निडर रहें और यह कभी न सोचें कि दुनिया क्या कहेगी। अपना रिमोट कंट्रोल दूसरों के हाथ में न दें। अपने चरित्र को सशक्त और श्रेष्ठ बनाएं, क्योंकि आप किसी की ज़ेरॉक्स कॉपी नहीं, बल्कि एक अनमोल ओरिजिनल हैं।

यह कहना था कार्यक्रम की मुख्य अतिथि खाद्य सुरक्षा अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठासीन अधिकारी मुदिता भार्गव का जो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में सभा को संबोधित कर रही थी।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करना और उनके योगदान को पहचान देना।

अधिकार के महत्व पर बोलते हुए मुदिता भार्गव ने कहा कि अधिकार अपने साथ कर्तव्यों को भी लेकर आते हैं। यदि हम अपने अधिकारों की बात करते हैं, तो हमें अपने कर्तव्यों को भी उतनी ही गंभीरता से निभाना होगा। समाज और देश की प्रगति के लिए यह ज़रूरी है कि हम अपने अधिकारों का सही उपयोग करें, लेकिन साथ ही अपने दायित्वों को भी न भूलें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारों का उपयोग ढाल के रूप में करें, हथियार के रूप में नहीं।

उन्होंने इस बात कर जोर दिया कि महिलाएं और पुरुष दोनों को ही नैतिक संस्कार की जरूरत है। ये आवश्यक है कि पुरुष और महिलायें एक दूसरे के सहयोगी बने। मां भारती, द्रोणाचार्य, सावित्री और द्रौपदी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वैदिक व्यवस्था की माहिलाएं सम्मानित थी। आज महिलाओं के सम्मान में कमी आई है पर हम पुरुषों की मानसिकता में बदलाव और कानून में सुधार से महिलाओं की स्थिति को सुधारा जा सकता है।

कार्यक्रम में विशेष रूप से केरल के थट्टेकड़ की प्रसिद्ध वन्यजीव मार्गदर्शक और पक्षी प्रेमी, श्रीमती सुधम्मा (सुजाता चंद्रन) को विशिष्ट सम्मान के साथ सम्मानित किया गया । एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर, उन्होंने प्राकृतिक संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा में अमूल्य योगदान दिया है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक है।

कार्यक्रम के संरक्षक राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कहा कि सभी को इस विशेष अवसर कि बधाई देते हुए कहा कि महिला उत्कृष्टता पुरस्कार राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की उस संस्कृति का प्रतीक है जो मान्यता, सशक्तीकरण और प्रेरणा को बढ़वा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी विश्वविद्यालय अपनी प्रगति अकेले से नहीं कर सकता है, जब तक आस - पास या पूरे समाज से वह जुड़ नहीं जाता।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था यंग अचीवर्स अवार्ड्स, जो तीन महत्वपूर्ण श्रेणियों में युवा महिलाओं को दिए गए - वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्टता और नवाचार के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय जम्मू की पर्यावरण विज्ञान की अध्यक्ष प्रो ऋचा कोठारी को वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया। सामाजिक परिवर्तन और सामुदायिक विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए सामाजिक प्रभाव पुरस्कार बाड़मेर की रुमा देवी को 40,000 से अधिक ग्रामीण महिला कारीगरों के जीवन को बदल महिलाओं सशक्तीकरण में योगदान के लिए दिया गया और व्यवसाय और उद्यमिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उद्यमी पुरस्कार मेहा दिनेश को जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। सभी ने इस अवसर पर अपने विचार भी साझा किये। सभी को पुरस्कार स्वरूप शॉल, साइटैशन, स्मृति चिन्ह, भगवद गीता और 25 हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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