मंडी जिला में आपदा से 708 करोड़ रुपए से अधिक का अनुमानित नुकसान
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- Jul 20, 2025

मंडी, 20 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला में बरसात के मौसम में बादल फटने, बाढ़ एवं भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने पहुंचे केंद्रीय दल ने गत देर सायं यहां डीआरडीए सभागार में जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की। इसमें 30 जून की मध्यरात्रि को आई प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों पर चर्चा की गई। इस आपदा में आरंभिक तौर पर अभी तक जिला में सात सौ करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान निजी व सार्वजनिक संपत्ति का आंका गया है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में उप सचिव (वित्त आयोग डिविजन) कंदर्प वी. पटेल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर हिमाचल व विशेषकर मंडी जिला एवं प्रभावित लोगों के साथ पूरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय दल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर वस्तुस्थिति का जायजा ले रहा है। दल के समक्ष आरंभिक तौर पर नुकसान से संबंधित ज्ञापन प्राप्त हुए हैं जिन पर पूरी तत्परता से और सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नुकसान के बारे में अंतिम ज्ञापन प्राप्त होने के उपरांत यह दल अपनी रिपोर्ट तैयार कर आपदा प्रबंधन पर गठित राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा। समिति की संस्तुति के उपरांत अंतिम रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया कि वे निर्धारित मानदंडों के अनुसार नुकसान से संबंधित अपने ज्ञापन प्रस्तुत करें। प्रदेश सरकार में विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डी.सी. राणा ने केंद्रीय टीम का स्थल निरीक्षण एवं आपदा से हुए नुकसान के आकलन में तत्परता से कार्य करने के लिए आभार व्यक्त किया।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने केंद्रीय दल का स्वागत किया और जिला में आपदा से हुए नुकसान पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि जिला में इस बरसात के मौसम में आरंभिक तौर पर 708 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति का आंका गया है। बादल फटने एवं भारी बारिश व भूस्खलन से सबसे अधिक नुकसान थुनाग उपमंडल में लगभग 394 करोड़ रुपए का हुआ है। करसोग उपमंडल में 55 करोड़ रुपए से अधिक तथा धर्मपुर में 47 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान आंका गया है।
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग को सड़कों, पुलों व अन्य संपत्ति का लगभग 302 करोड़ रुपए का नुकसान अभी तक आंका गया है। जल शक्ति विभाग को आरंभिक तौर पर लगभग 190 करोड़ रुपए तथा राज्य विद्युत बोर्ड को लगभग 34 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग को लगभग 58 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 31 करोड़ रुपए, कृषि विभाग को 8 करोड़ रुपए से अधिक, शिक्षा विभाग को 15 करोड़ रुपए से अधिक, नगर निगम मंडी को साढ़े छह करोड़ रुपए से अधिक तथा स्वास्थ्य विभाग को लगभग तीन करोड़ का नुकसान आरंभिक तौर पर आंका गया है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में निजी संपत्ति को भी इस आपदा में भारी नुकसान पहुंचा है। पंडोह के समीप पटीकरी पावर हाऊस को लगभग 85 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है और यह पावर हाऊस भारी बाढ़ में बह गया है। इस आपदा में अभी तक 349 मकानों के पूर्ण रूप से तथा 546 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने का आकलन किया गया है। जिला में 241 दुकानें, 755 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं जबकि 1155 पशुधन की हानि हुई है। उन्होंने बताया कि प्रभावितों को तत्काल राहत के रूप में 57 लाख रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई है। आपदा प्रभावित लगभग 700 लोगों को 17 राहत शिविरों में रखा गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा