अंग्रेजों ने गुरुकुल पद्धति को किया था नष्ट, अब नई शिक्षा नीति से आएगा बदलाव: राज्यपाल

• ध्रांगधा में गुजरात गुरुकुल महासम्मेलन का राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया शुभारम्भ

अहमदाबाद, 6 अप्रैल (हि.स.)। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज रामनवमी महापर्व के दिन ध्रांगध्रा में स्वामीनारायण संस्कारधाम-गुरुकुल में ‘गुजरात गुरुकुल महासम्मेलन’ का शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने गुरुकुल परम्परा को प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धति का आधार बताया।

इस अवसर पर राज्यपाल आर्चाय देवव्रत ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत में स्थायी शासन की स्थापना करने के लिए देश की गुरुकुल परम्परा को नष्ट करने के लिए किए खूब षडयंत्र किए। उन्होंने कहा कि गुरुकुल परम्परा को तोड़ने के लिए अंग्रेजों ने गुरुकुल में दान देने वाले भामाशाहों पर दबाव बढ़ाया था। उन्होंने दंड और सजा से इस पद्धति को नष्ट किया था और भारत में मैकाले की शिक्षा पद्धति लागू की थी। राज्यपाल ने कहा कि भारत की आजादी के बाद भी अंग्रेजों की बनायी गई शिक्षण पद्धति ज्यादा मजबूत बन गई थी, यह हमारा दुर्भाग्य है। अंग्रेजों की लागू शिक्षण पद्धति ने हमारी जीवनशैली, पहनावा, भाषा और खान-पान सहित अनेक चीजों को दूषित किया। प्रधानमंत्री मोदी की नई शिक्षा नीति-2020 समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।

राज्यपाल ने कहा कि बच्चे राष्ट्र की सच्ची सम्पत्ति हैं। इनका निर्माण और इन्हें संस्कारित करने से परिवार, समाज, देश और दुनिया में परिवर्तन आया। प्राचीन गुरुकुल शिक्षण पद्धति में राजा और रंक, सभी के बालकों को अच्छा शिक्षण दिया जाता था। सभी का समान रूप से निर्माण होता था। इस प्रकार अभ्यास करते बालकों में एकता और समानता का भाव सहज रूप से आता था। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हों या श्रीकृष्ण, सभी बचपन में गुरुकुलों में ही शिक्षा प्राप्त कर संस्कारित हुए। आज लोग विदेशों में पढ़ने पर गौरवांवित होते हैं लेकिन तब प्राचीन भारत में नालंदा, तक्षशिला जैसी विद्यापीठें वैश्विक रूप से प्रतिष्ठित थीं, जब दुनियाभर के लोग यहां शिक्षा प्राप्त करने आया करते थे।

राज्यपाल ने भारत की इस प्राचीन शिक्षण प्रणाली को जनमानस तक पहुंचाने के लिए ‘गुजरात गुरुकुल महासम्मेलन’ को एक पहल बताया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में शिक्षण से बड़ा परिवर्तन कोई और नहीं है। कार्यक्रम में स्वामीनारायण संस्कारधाम गुरुकुल-ध्रांगध्रा के संस्थापक रामकृष्ण दासजी स्वामी ने स्वागत सम्बोधन दिया।

भारत प्रकाशन लिमिटेड, दिल्ली और पांचजन्य साप्ताहिक की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में भारत प्रकाशन लि. के निदेशक व्रजबिहारीजी, वडताल गुरुकुल के अध्यक्ष देवप्रकाश दासजी, विधायक प्रकाशभाई वरमोरा, कलक्टर राजेंद्र कुमार पटेल, जिला विकास अधिकारी केएस याज्ञिक, पुलिस महानिरीक्षक डॉ. गिरीशभाई पंड्या, अग्रणी मुकेशभाई मलकाण, नारायणभाई खोलिया, गुजरात के 100 से ज्यादा गुरुकुलों और शैक्षणिक संस्थाओं के संत, शिक्षाविद और अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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