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भागलपुर, 9 फ़रवरी (हि.स.)। भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आनंदराम ढांढनियाँ सरस्वती विद्या मंदिर भागलपुर में आयोजित चार दिवसीय प्रधानाचार्य सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार का प्रारंभ प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, रोहतास के विभाग निरीक्षक उमाशंकर पोद्दार, गया के विभाग निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद एवं विद्यालय के कोषाध्यक्ष नरेश खेतन द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस मौके पर प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि अपना कार्य व्यवस्थित हो, अच्छाई की कोई सीमा नहीं है। लक्ष्य प्राप्ति तक कार्य करते रहना है। प्रधानाचार्य का हर काम अंतिम समय तक चलता रहता है। राष्ट्र निर्माण, समाज निर्माण, मूल्य आधारित शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है।
संगठन मंत्री ख्यालीराम ने कहा कि विद्यालय सामाजिक चेतना का केंद्र होता है। समाज के हर तबके के लोगों को विद्यालय में बुलाकर वंदना स्थल पर दीप जलवाना है और सम्मानित करना है। सेवा का केंद्र एवं संस्कार केंद्र जो विद्यालय चला रहे हैं उनके माध्यम से समाज के अंदर जन जागृति लानी है। उधर शिशु वाटिका के 12 व्यवस्था जो विद्यालय के अंतर्गत चल रही है। उसका निरीक्षण एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव द्वारा किया गया।
अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव, संगठन मंत्री ख्यालीराम, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, उमाशंकर पोद्दार, ब्रह्मदेव प्रसाद, राकेश नारायण अम्बष्ट, सतीश कुमार सिंह, रमेश मणि पाठक, राजेश कुमार, परमेश्वर कुमार, वीरेंद्र कुमार, गंगा चौधरी, रामचंद्र आर्य, सुधांशु कुमार, निर्माल्य कुमार, प्रधानाचार्य सुमंत कुमार, सुमन चौधरी, भीष्म मोहन झा, आलोक कुमार, सुजीत कुमार गुप्ता, शशि भूषण मिश्र एवं 17 जिले से आए सभी प्रधानाचार्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर