हिसार: दिवाली केवल रोशनी का त्यौहार नहीं,आत्मचिंतन का भी अवसर:वंदना बिश्नोई

हिसार, 17 अक्टूबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. वंदना बिश्नोई ने कहा है कि दिवाली सिर्फ रोशनी और खुशियों का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह आत्मचिंतन और व्यक्तिगत विकास का भी अवसर है। उन्होंने दिवाली के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. वंदना बिश्नोई गुरुवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास परिसर में आयोजित दिवाली मेले में छात्राओं व अन्य अतिथियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि जैसे हम अपने घरों को साफ करते हैं और दीप जलाते हैं, वैसे ही हमें अपने मन और विचारों को भी सकारात्मकता और अच्छाई से भरना चाहिए।

चीफ वार्डन प्रो. सुजाता सांघी ने कहा कि दिवाली हमें यह सिखाती है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, एक छोटी-सी लौ भी उसे दूर कर सकती है। हमें अपने जीवन में अच्छाई, ज्ञान और नैतिक मूल्यों की ज्योति जलाए रखनी चाहिए ताकि हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। डिप्टी चीफ वार्डन डॉ. विनीता माथुर ने भी छात्राओं को संबोधित करते हुए दिवाली के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इसे अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बताया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में श्रीमती पंकज संधीर, श्रीमती वीना छोकर व डॉ. सत्या सावंत शामिल रही जबकि श्रीमती सुनीता गुप्ता और श्रीमती कविता अग्रवाल विशेष आमंत्रित अतिथि रही। कार्यक्रम की मेजबानी छात्रावास नंबर-2 की समन्वयक डॉ. संतोष भुकल और वार्डन श्रीमती कृष्णा देवी ने की। कार्यक्रम के आयोजन में छात्रावास नंबर-2 के स्टाफ सदस्यों मंजीत व कुमारी मोनिका ने अहम भूमिका निभाई। इस आयोजन में डॉ. सुमन बहमनी, डॉ. प्रज्ञा कौशिक, प्रो. आशा गुप्ता, प्रो. सुमित्रा, प्रो. सरोज, प्रो. आराधिता, प्रो. सोनिका, प्रो. दीपा मंगला, डॉ. सुनीता, डॉ. ज्योति वशिष्ठ, डॉ. सुमन दहिया और डॉ. सरोज भी उपस्थित रही। कार्यक्रम में छात्रावास परिसर की सभी समन्वयक डॉ. अंजू गुप्ता, डॉ. कल्पना, डॉ. ज्योति कटारिया, वार्डन श्रीमती रितु यादव व कुमारी ज्योति उपस्थित रही।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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