महिला गैंग की मदद से नेपाल सीमा पार कर उत्तर बंगाल में प्रवेश कर रहा चीनी लहसुन 

सिलीगुड़ी, 05 जनवरी (हि. स.)। उत्तर बंगाल में चीनी लहसुन नेपाल के रास्ते प्रवेश कर रहा है। जिसका महिला गैंग कमान संभाली हुई है। यह महिला गैंग हर किसी को रिश्वत खिलाकर भारत-नेपाल सीमा से मेची नदी पार कर दूसरी ओर प्रवेश कर रहा रही है। लहसुन को छोटी-छोटी बोरियों में भरकर पहले टोटो और फिर छोटी गाड़ियों से सिलीगुड़ी के बर्दवान रोड पहुंचा रहे है। मूल रूप से नक्सलबाड़ी, पानीटंकी इलाके की रहने वाली कुछ महिलाएं इस गैंग की मुख्य सदस्य हैं। उनके साथ इलाके के कुछ युवा भी शमिल हैं।

कुछ दिन आगे एसएसबी को ऐसे ही एक गैंग से चीनी लहसुन बरामद करने में बाधाओं का सामना करना पड़ा था। उस दिन एसएसबी 41वीं नंबर बटालियन के जवानों ने नक्सलबाड़ी थाने के रथखोला में धावा बोलकर दो पिकअप वैन से 300 बोरा चीनी लहसुन बरामद किया था। इसके बाद तस्कर गैंग की एसएसबी से झड़प हो गई थी।

इस बारे में एसएसबी के एक अधिकारी का कहना है, जब लहसुन से भरी दो पिकअप वैन को कब्जे में लेना था तो स्थानीय महिलाओं ने आकर उन्हें रोक दिया।

यहां तक ​​कि हमारे कुछ जवानों ने लहसुन की बोरी छीनकर भागने की भी कोशिश की। हालांकि, हमने लहसुन से लदे दो पिकअप वैन को जब्त कर कस्टम को सौंप दिया।

एसएसबी ने काम में बाधा डालने के आरोप में एक महिला समेत दो लोगों के खिलाफ शुक्रवार को नक्सलबाड़ी थाने में शिकायत भी दर्ज करायी गई है। ये सभी रथखोला के रहने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि रेगुलेटेड मार्किट शहर में लहसुन के प्रसार का केंद्र बन रहा है। प्रधाननगर थाने की पुलिस ने शुक्रवार देर रात नेपाल सीमा से रेगुलेटेड मार्किट में प्रवेश करते समय ऐसे ही एक पिकअप वैन को जब्त किया है।

पिकअप वैन से करीब नौ टन लहसुन बरामद किया गया है। घटना में पुलिस ने चालक अविनाश महतो को गिरफ्तार किया है। वह क्रांति का रहने वाला है।

सूत्रों के मुताबिक, रेगुलेटेड मार्किट के कुछ व्यवसायी मांग के मुताबिक नेपाल के व्यवसायी को ऑर्डर भेज रहे हैं। इसके बाद व्यवसायी लहसुन को मेची नदी के पार भेज रहा है। नक्सलबाड़ी और पानीटंकी इलाके के महिला गैंग लहसुन को अपने कब्जे में ले रही है।

रेगुलेटेड मार्किट के व्यवसायी का एक हिस्सा नेपाल सीमा पर पिकअप वैन भेज रहा है। उसके बाद यह सीधे पिकअप वैन के माध्यम से रेगुलेटेड मार्किट पहुंच जाता है। कभी-कभी लहसुन को चादर और पुआल से ढक दी जाती है ताकि आसानी से किसी को नजर न आये।

प्रधाननगर थाने के आईसी वासुदेव सरकार ने कहा कि, लहसुन पर कोई लिखावट नहीं है, यह कहां से आता है? सभी बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं। इसलिए इसे पकड़ना आसान नहीं है। भारत में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध है, लेकिन इस लहसुन की काफी डिमांड है।

इसीलिए कुछ व्यवसायी चीनी लहसुन के कारोबार में शामिल है। लहसुन आयात करने के बाद वे फर्जी रसीदें बना रहे हैं, ताकि उन्हें मध्य प्रदेश या गुजरात का बताया जा सके।

वहीं, सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डीसीपी (वेस्ट) विश्वचंद ठाकुर ने कहा कि हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। यह चीनी लहसुन सिलीगुड़ी के बाजार तक कैसे और कहां से आ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार

   

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