नागरिक समाज, सामाजिक समूहों ने पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन की निंदा की, स्थानीय नेताओं से जवाबदेही की मांग की

जम्मू, 11 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर नागरिक समाज की अध्यक्ष किरण वातल के नेतृत्व में विभिन्न नागरिक समाज और सामाजिक संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाल ही में संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की। ये उल्लंघन औपचारिक संघर्ष विराम समझौते के कुछ ही घंटों बाद हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। संयुक्त बयान में पाकिस्तान पर बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन के माध्यम से अपने छद्म युद्ध को जारी रखने का आरोप लगाया गया, उल्लंघनों को घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों के सफल अभियानों से हताशा के कारण बताया गया। हाल की घटनाएं, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों हताहत हुए और घायल हुए, दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम समझौते की नाजुक और अस्थिर प्रकृति के सबूत के रूप में उद्धृत किए गए।

इस सभा ने भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयासों की सराहना की, जिसने उनके अनुसार, पाकिस्तान को बहुत जरूरी सबक दिया। बयान में कहा गया है, हमारे सशस्त्र बलों की रणनीतिक योजना और बहादुरी ने क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के प्रयासों को गंभीर झटका दिया है। बैठक में मौजूद प्रमुख संगठनों में विश्व कश्मीरी समाज, माता खीर भवानी यात्रा कल्याण सोसाइटी (रवि बक्शी द्वारा प्रतिनिधित्व), ग्लोबल सोलेस अमरनाथ जी यात्रा कल्याण सोसाइटी (पिंटू जी पंडिता द्वारा नेतृत्व), ऑल कश्मीर पीस फोरम (प्रेम शर्मा द्वारा प्रतिनिधित्व), सर्व शक्ति सेना (राजन गुप्ता द्वारा नेतृत्व) और यूनाइटेड हिंदू फ्रंट (कुलदीप लूथरा द्वारा प्रतिनिधित्व) शामिल थे।

सभी समूहों ने समन्वित सैन्य प्रतिक्रिया का समर्थन किया और जम्मू-कश्मीर में अधिक शांतिपूर्ण और स्थिर भविष्य के लिए आशा व्यक्त की। एक स्पष्ट और भावनात्मक रूप से आवेशित संबोधन में, किरण वट्टल ने संकट के दौरान प्रमुख हिंदू नेताओं की अनुपस्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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