तृणमूल के दो गुटों में आरजी कर अस्पताल को लेकर टकराव, शांतनु सेन की सदस्यता समाप्त करने की मांग

कोलकाता, 20 नवंबर (हि.स.)। आर.जी. कर अस्पताल से जुड़े विवाद के चलते तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच मतभेद और गहरा गया है। तृणमूल विधायक और राज्य मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष सुदीप्त राय ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर तृणमूल नेता शांतनु सेन की काउंसिल सदस्यता रद्द करने की मांग की है।

सुदीप्त ने आरोप लगाया है कि शांतनु ने लगातार छह काउंसिल बैठकों में भाग नहीं लिया। मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को लिखे पत्र में सुदीप्त ने इन छह बैठकों की तारीखों का उल्लेख किया। उन्होंने काउंसिल के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सदस्य के लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है। सुदीप्त ने मांग की है कि शांतनु की जगह किसी अन्य व्यक्ति को सदस्य नियुक्त किया जाए।

यह विवाद तब और गहरा गया जब आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के पंजीकरण रद्द करने जैसे मामलों पर शांतनु सेन ने सार्वजनिक बयान दिए। इसके बाद उन्हें तृणमूल के प्रवक्ता पद और कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य सलाहकार पद से हटा दिया गया। पार्टी के अंदर भी उन्हें हाशिए पर रखा गया है।

राज्य मेडिकल काउंसिल के चुनाव से पहले शांतनु ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में उन्होंने निर्णय बदलते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राज्य सचिव पद के लिए नामांकन दाखिल किया।

दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग ने काउंसिल के रजिस्ट्रार मानस चक्रवर्ती को हटाने का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मानस की नियुक्ति अवैध है और उनकी जगह किसी अन्य को नियुक्त किया जाना चाहिए। इस निर्देश को 'ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स' ने अपनी नैतिक जीत बताया है। आर.जी. कर विवाद ने तृणमूल के भीतर डॉक्टरों के दो गुटों के टकराव को और उजागर कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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