जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती : मुख्यमंत्री धामी

देहरादून, 11 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने है। उन्होंने पिछले वर्ष की गर्मी के अनुभव को याद करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देहरादून सहित विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान पहले की तुलना में बहुत अधिक रहा। ऐसे समय में, जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता और समाधानों पर गहनता से चर्चा करनी जरूरी है।

वाडिया इंस्टीट्यूट में मंगलवार को जलवायु परिवर्तन एवं नवीकरणीय ऊर्जा 'चुनौतियां और समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को समझने का एक अवसर है, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारे संकल्पों को मजबूती देने का भी एक विशिष्ट मंच है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “हरियाली मिशन“ के अंतर्गत लाखों की संख्या में पौधे रोपे जा रहे हैं। “जल शक्ति अभियान“ के माध्यम से 1000 गांवों में तालाबों और पारंपरिक जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन ऑथॉरिटी का गठन भी किया है, जिसके अन्तर्गत अभी तक 5500 जलीय स्त्रोतों और 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उनका उपचार किया जा रहा है। वाडिया इंस्टीट्यूट के सहयोग से ग्लेशियर अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया है, जिससे प्रकृति के संकेतों को समझ सकें और उसके क्षरण को रोकने के लिए प्रभावी नीतियां बनाकर कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन-गेम्स की थीम पर किया गया। पूरे आयोजन के दौरान मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के नाम पर एक-एक रूद्राक्ष के पौधे लगाकर 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि “नई सौर ऊर्जा नीति” लागू करने के साथ ही वर्ष 2027 तक 1400 मेगावाट सोलर क्षमता पाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में “पीएम सूर्यघर योजना” और “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ उठाकर बड़ी संख्या में लोग सोलर पैनल लगवा रहे हैं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन संपदाओं को संरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ा जाए। इससे हमारे वन भी संरक्षित रहेंगे और लोगों को आजीविका भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग को न्यून करने के लिए विस्तृत प्लान तैयार किया गया है।

----------------

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

   

सम्बंधित खबर