धमतरी : माडमसिल्ली डेम में पर्यटन को बढ़ावा देने कलेक्टर ने क‍िया निरीक्षण

धमतरी, 30 अक्टूबर (हि.स.)। धमतरी जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और जैविक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। जिले के पर्वतीय अंचलों और जलाशयों में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें माडमसिल्ली डेम अपनी अनोखी सायफन प्रणाली के कारण विशेष पहचान रखता है। जिले में ईको-पर्यटन और साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने गुरुवार को माडमसिल्ली डेम का निरीक्षण कर क्षेत्र के पर्यटन विकास कार्यों की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ नगरी एसडीएम प्रीति दुर्गम, संबंधित विभागों के अधिकारी, इको-टूरिज्म प्रबंधन समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणजन उपस्थित थे। कलेक्टर ने डेम क्षेत्र में पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं के विस्तार पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि गार्डन में आने-जाने के लिए सुरक्षित सीढ़ियाँ और गेट का निर्माण किया जाए, साथ ही पर्यटन शेड, शौचालय, दिशा-निर्देश बोर्ड, पार्किंग स्थल और खाद्य-पेय ठेला दुकानों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों को भी पर्यटन स्थल की जिम्मेदारी और स्वच्छता बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। साथ ही दुर्घटना संभावित स्थानों पर निगरानी रखने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने एक नवाचार की शुरुआत करते हुए साथ आए अधिकारियों की सरकारी वाहन पार्किंग का भुगतान यूपीआई माध्यम से किया। उन्होंने प्रबंधन समिति को पार्किंग स्थल पर बारकोड लगाने के निर्देश दिए, जिससे अब पर्यटक नकद के अलावा डिजिटल माध्यमों से भी भुगतान कर सकेंगे। यह पहल पारदर्शिता, सुविधा और स्थानीय राजस्व की निगरानी के लिए एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।

पर्यटन स्थल पर गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन के लिए स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने की पहल की गई है। कलेक्टर ने प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाणपत्र वितरित किए और कहा कि इससे स्थानीय बेरोजगारों को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, साथ ही पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।

कलेक्टर मिश्रा ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस स्थल की स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटक सेवा में भागीदारी निभाएँ। उन्होंने कहा कि माडमसिल्ली डेम अब केवल एक जलाशय नहीं, बल्कि जिले की पहचान और आजीविका का केंद्र बन रहा है। इसके रखरखाव और विकास में स्थानीय समुदाय की सहभागिता अहम होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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