जीएसटी मतलब ‘गब्बर सीतारमण टैक्स’, काराेबारियाें काे राहत नहीं-बाेझ बना : खेड़ा

जयपुर, 9 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस मीडिया और कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख पवन खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने खास तौर पर जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। खेड़ा ने जीएसटी को ‘गब्बर सीतारमण टैक्स’ करार देते हुए इसे मिडिल क्लास, गरीब और किसानों के लिए विनाशकारी बताया। इस दौरान पॉपकॉर्न पर जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा। वहीं जीएसटी को टैक्स टेररिज्म बताया। खेड़ा गुरुवार काे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे।

खेड़ा ने कहा कि जीएसटी लागू हुए 90 महीने हो चुके हैं, लेकिन इसका फायदा आम जनता को नहीं मिल सका है। उल्टा, यह गरीब, मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायियों पर बोझ बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी की अलग-अलग दरें आम आदमी के लिए जटिलता बढ़ा रही हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने एक देश-एक टैक्स का वादा किया था, लेकिन अब पॉपकॉर्न जैसी चीजों पर तीन अलग-अलग टैक्स लगाकर वादा निभा रहे हैं। जीएसटी का 64 फीसदी बोझ गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ता है, जबकि केवल तीन प्रतिशत अमीर वर्ग पर। खेड़ा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वगीर्य मनमोहन सिंह ने पहले ही चेताया था कि जीएसटी गरीब और मिडिल क्लास को नुकसान पहुंचाएगा। अब वही सच साबित हो रहा है।

खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जीएसटी के वर्तमान स्वरूप को बदलकर जीएसटी 2.0

लागू करने की मांग करती है। उन्होंने इसे सरल बनाने और गरीब व मिडिल क्लास

को राहत देने का प्रस्ताव रखा। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खेड़ा

ने कहा कि भाजपा सरकार केवल अमीरों को लाभ पहुंचा रही है। गरीबों और किसानों

को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री

मोदी की नीतियां देश के छोटे व्यवसायों और किसानों को बर्बाद कर रही हैं। खेड़ा ने कहा कि यह लोग वन नेशन-वन टैक्स की बात करते थे लेकिन जीएसटी अब

गब्बर सीतारमण टैक्स हो गया है और जीएसटी की वजह से देश में टैक्स टेररिज्म

फैल गया है। वन नेशन वन टैक्स क्या करेंगे, एक पॉपकॉर्न पर तीन तरह के

टैक्स लगते हैं। खुला पॉपकॉर्न है तो उस पर अलग है, नमकीन पॉपकॉर्न है उस

पर अलग है और मीठा पॉपकॉर्न है तो उस पर अलग तरह का टैक्स है।किसान आंदोलन पर खेड़ा ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि देश के अन्नदाताओं के लिए राजधानी के दरवाजे बंद हैं। यह भाजपा सरकार की किसान विरोधी सोच को दर्शाता है। उन्होंने जीएसटी को लेकर व्यापक बदलाव की जरूरत बताई और भाजपा पर गरीबों और किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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